आए दिन खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन को देख कर ऐसा लगता है मानो प्रदेश काबिल खिलाड़ियों की ख़ान है। यहां से आए दिन एक नया चेहरा उभर कर सामने आता है, जैसे अभी हाल ही में क्रिकेट का एक नया चेहरा उभरा है। इस उभरते हुए चेहरे का नाम अमित है, उन्होंने प्रदेश को विजय हजारे ट्राॅफी दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। वैसे प्रदेश ने पहली बार यह ट्रॉफी जीती है।
बता दें कि इससे पहले अमित ने अंडर-16, अंडर-19 और रणजी ट्रॉफी के लगभग 15 से 16 मैच खेले, साथ ही साल 2022 के रणजी ट्राॅफी मैच में वह मैन ऑफ द मैच भी बने थे। इसी के साथ बता दें कि अमित का अब तक का सफर काफ़ी चुनौतियां भरा रहा है। क्योंकि साल 2007 में उनके पिता रतन सिंह चल बसे थे, जिस वज़ह से उनका कैरियर बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गया था।
लेकिन उनके तीन बड़े भाईयो और उनकी मां के संघर्ष ने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुंचाया है। उनकी मां ने दिहाड़ी मजदूरी करके बच्चों का लालन-पालन किया। लेकीन जब घर के हालात और बिगड़े लगे तो अमित के तीनों बड़े भाईयो ने घर की सारी जिम्मेदारी खुद उठा ली। जानकारी के लिए बता दें कि अमित राणा हरियाणा के रोहतक जिले के खरक कलंगा के रहने वाले है। वह चार भाइयों में सबसे छोटे है। उनके माता पिता मजदूर है।
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