शिक्षा विभाग अक्सर सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने और परीक्षा परिणाम में सुधार लाने की बात करता है। लेकिन कभी उस पर अमल नहीं करता है। क्योंकि शहर में अभी भी कई ऐसे सरकारी स्कूल है जिनकी स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं है। छात्र अपनी जान की बाजी लगाकर इनमे पढ़ने जाते है, इन्ही स्कूलों में से एक है नेशनल हाईवे से सटे हुए इंदिरा कॉलोनी का सरकारी स्कूल।
इस स्कूल की बिल्डिंग कंडम घोषित की जा चुकी है, लेकिन फिर भी यहाँ पर Classes चल रही है। बता दें कि इस स्कूल की दीवारों से प्लास्टर गिरता है, बारिस के समय छत से पानी गिरता है, शौचालय हेमशा गंदे रहते है। छात्रो की संख्या के हिसाब से कमरे नहीं है, पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। साथ ही छात्रो को नाले की बदबू वाले कमरों में बैठना पड़ता है।
बता दे कि इस स्कूल की यह स्थिति तब है Faridabad ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी मनोज मित्तल इस स्कूल के प्रिंसिपल रह चुके है। जानकारी के लिए बता दें कि इस स्कूल में कॉलोनी के ही छात्र नहीं बल्कि आस पास के छात्र भी पढ़ने आते है।
इस पर समग्र शिक्षा अभियान के सव डिवीजनल इंजीनियर विनीत सैनी का कहना है कि,”इंदिरा कालोनी के विद्यालय का भवन कंडम घोषित है। नगर निगम से नेशनल हाइवे पर मौजूद सरकारी जमीन की मांग की जा रही है। इस संबंध में पत्र भी लिखा गया है। नगर निगम से जमीन मिलने के बाद प्रपोजल आगे भेजकर नया भवन बनाया जाएगा। जिले के कई स्कूलों को इस साल नए भवन मिलेंगे।”