Faridabad में एक नई समस्या ने लिया जन्म, शहरवासियो का जीना हुआ हराम

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 Faridabad में एक नई समस्या ने लिया जन्म, शहरवासियो का जीना हुआ हराम

टूटी सड़के, सीवर ओवरफ्लो, सड़कों पर जलभराव, पेयजल आपूर्ति, बिजली कटौती के साथ साथ शहर में एक नई समस्या ने जन्म ले लिया है। इस समस्या से शहरवासियो का घर से बाहर निकाला मुश्किल हो गया है। दरअसल हम बात कर रहे है, शहर में बढ़ रहे आवारा कुत्तों के आतंक की। आए दिन शहर के सिविल अस्पताल मे 100 से अधिक कुत्तों के काटने के मामले आ रहे है। इन मामलो में सबसे ज़्यादा मामले NIT, बल्लभगढ़ और बड़खल के हैं। 

Faridabad में एक नई समस्या ने लिया जन्म, शहरवासियो का जीना हुआ हराम

बता दें कि बाकी समस्याओं की तरह ही नगर निगम इस समस्या पर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है। हालांकि निगम कागज़ी तौर पर कुत्तों का बंध्याकरण करा रहा है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है, शहरवासियो की माने तो निगम के अधिकारियों ने ये काम सिर्फ कागजों में ही कराए है, असलियत में नहीं। उनकी लाख शिकायतों के बाद भी निगम कुछ नहीं कर रहा है। कुत्तों के आतंक की वजह से वह अपने ही घरों में कैद हो गए है, क्योंकि वह ना तो सुबह की सैर कर पा रहे है और ना ही शाम की। 

Faridabad में एक नई समस्या ने लिया जन्म, शहरवासियो का जीना हुआ हराम

इस समस्या पर नगर निगम के वरिष्ठ निरीक्षक बिशन तेवतिया ने बताया है कि,”नगर निगम में कुत्तों के बंध्याकरण की जो भी शिकायतें आती हैं। उन्हें गंभीरता से लिया जाता है। गैर सरकारी संस्था के माध्यम से अनखीर गांव में बंध्याकरण कराया जाता है। हर महीने लगभग 300 कुत्तों का बंध्याकरण किया जा रहा है। कोई भी नागरिक इस बाबत नगर निगम की स्वास्थ्य शाखा में आकर शिकायत कर सकता है।” 

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