अपने हेमशा देवों के देव महादेव को उनके नंदी के साथ ही मंदिरों में विराजमान देखा होगा। लेकिन आज हम आपको विश्व के पहले ऐसे मंदिर के बारे में बताएँगे जहां पर भगवान शिव बिना नंदी के ही विराजमान है। यह मंदिर प्रदेश के कुरुक्षेत्र ज़िले में स्थित है और इस मंदिर का नाम श्री कालेश्वर महादेव मंदिर है। यह मंदिर यहाँ पर आदिकाल से ही है।
बता दें कि इस मंदिर की बहुत मान्यता है और श्रद्धालुओं का मानना है कि यहाँ पर माँगी गई सभी मनोकामनाए पूरी होती है, क्योंकि उनकी दुआ सीधा महादेव सुनते है। इसी के साथ बता दें कि इस मंदिर का संबंध रामायण काल से जुड़ा हुआ है। लोगों का मानना है कि जब रावण अपने वाहन पर यहाँ से गुज़र रहे थे तो मंदिर के ठीक ऊपर उनका वाहन डगमगा गया था।
जिसके बाद उन्होंने नीचे आकर देखा तो उन्हें यहाँ पर शिवलिंग दिखाई दी। जिसके बाद उन्होंने यहाँ पर वर्षों तक तपस्या की और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिए।इस दौरान रावण ने महादेव से कहा कि जब वह वरदान माँगेंगे तो उस दौरान उनके अलावा कोई नहीं होना चाहिए। जिसके बाद महादेव नंदी को कैलाश पर्वत पर छोड़कर अकेले ही रावण के सामने प्रकट हुए और वरदान दिया।