Haryana के इस गांव की पंचायत ने लिया ऐसा फैसला, कि ख़ुशी से झूमने लगे ग्रामीण 

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 Haryana के इस गांव की पंचायत ने लिया ऐसा फैसला, कि ख़ुशी से झूमने लगे ग्रामीण 

प्रदेश के कई गांव आज भी ऐसे हैं जहाँ पर नगर निगम का राज, नहीं बल्कि पंचायत का राज चलता है। यह पंचायत राज ना सिर्फ गाँव के मामलो में ही अपना फैसला सुनाती है बल्कि कई बार ग्रामीणों के आपसी मामलो में भी अपना फैसला सुनाती हैं। जिसे वहाँ के ग्रामीणों को मानना पड़ता है। लेकिन कई बार यह पंचायत ग्रामीणों के लिए अच्छे भी फ़ैसले ले लेती है और बुरे भी। लेकिन फ़िलहाल कैथल के इस गाँव की पंचायत ने एक ऐसा फ़ैसला लिया है जो ग्रामीणों के हित में है। 

Haryana के इस गांव की पंचायत ने लिया ऐसा फैसला, कि ख़ुशी से झूमने लगे ग्रामीण 

दरअसल प्रदेश के कैथल के खानपुर गांव की पंचायत में फैसला लिया गया है कि अब से गाँव के बच्चे पढ़ने के लिए प्राइवेट स्कूलों में नहीं जाएंगे, बल्कि वह गाँव के सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाई करेंगे। इसके लिए गाँव के सरकारी स्कूलों में ही बच्चों को सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, इसके लिए वह मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से अपील करेंगे। वैसे पंचायत के इस फ़ैसले से ग्रामीण बेहद खुश हैं। क्यूंकि उन्हें अपने बच्चों को पढ़ने के लिए महँगे प्राइवेट स्कूल नहीं भेजना पड़ेगा, साथ ही गाँव की लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए दूसरी जगह भी नहीं जाना पड़ेगा। 

Haryana के इस गांव की पंचायत ने लिया ऐसा फैसला, कि ख़ुशी से झूमने लगे ग्रामीण 

जानकारी के लिए बता दें कि पंचायत ने यह फैसला ग्रामीणों के कहने पर ही लिया है, क्योंकि ग्रामीणों ने ही फैसले की मांग की थी। दरअसल वह प्राइवेट स्कूलों के खर्चों से परेशान हो गए हैं, इसलिए वह चाहते हैं कि गाँव के सरकारी स्कूलों में ही प्राइवेट स्कूलों जैसे सुविधाएं बच्चो को दी जाए। ताकि बच्चे प्राइवेट की जगह सरकारी स्कूलों में पढ़े। 

इस बात की और जानकारी देते हुए गाँव के सरपंच अमनदीप सैनी ने बताया कि,”सरकारी स्कूलों में बच्चों को प्राइवेट स्कूलों जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। साफ-सफाई से लेकर उच्च गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा भी विद्यार्थियों को दी जा रही है। साथ ही गांव में प्राइवेट स्कूलों की नो एंट्री होगी और सरपंच से लेकर पंच तक के बच्चे भी सरकारी स्कूल में ही शिक्षा प्राप्त करेंगे।वहीं जो बच्चे प्राइवेट स्कूलों से हटकर आए हैं, उन्हें भी सरकारी स्कूलों में ही शिक्षा दी जाएगी।”

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