हरियाणा में रोडवेज से सफर करने वाले यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। हिसार रोडवेज डिपो को बसों की किल्लत से कुछ हद तक राहत मिल सकती है, दरअसल नूंह जिले से 18 नई बसें डिपो में शामिल की गई हैं। ये सभी बसें जीएस-4 इंजन मॉडल की हैं। इससे पहले भी डिपो को रोहतक से इसी मॉडल की 18 बसें प्राप्त हुई थीं।

लेकिन परिवहन विभाग की प्राथमिकता अब जीएस-6 मानकों वाली बसों को शामिल करने की है, क्योंकि जीएस-4 इंजन वाली बसें अब तकनीकी रूप से पुरानी मानी जा रही हैं। फिर भी, मौजूदा हालात में ये बसें कुछ हद तक दबाव को कम करेंगी।

जानकारी के लिए बता दें कि हिसार डिपो की हालत फिलहाल यह है कि यहां 37 बसें कंडम घोषित हो चुकी हैं। इनमें से अधिकांश बसें अक्सर मेंटेनेंस के लिए वर्कशॉप में खड़ी रहती हैं, जिससे नियमित संचालन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। लंबी दूरी के साथ-साथ लोकल रूटों पर भी यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

इसके अलावा बसों की भारी कमी के कारण कई रूट पूरी तरीके से बंद हो गए हैं। आदमपुर-सिवानी रूट पर लंबे समय से बस नहीं चल रही है। इसके अलावा हांसी से थुराना होते हुए चंडीगढ़ जाने वाली बस भी करीब तीन हफ्तों से बंद पड़ी है। थुराना नाइट वाया मोठ, लुहारी, डाटा, गुराना होकर हिसार आने वाली सेवा भी ठप है। भूना रूट पर चलने वाली कुछ बसों की टाइमिंग भी प्रभावित हो रही है। उम्मीद है जताई जा रही है कि नूंह से आईं ये 18 बसें बंद रूटों पर सेवाएं बहाल करने में मदद करेंगी। खासकर ग्रामीण और लोकल रूटों पर जहां यात्रियों की निर्भरता रोडवेज पर अधिक है, वहां इन बसों के चलने से यात्रा पहले की तरह सुगम हो सकेगी।



