दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-48) पर सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए खेड़की दौला से बावल तक के खंड को पूर्ण नियंत्रित कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना पर करीब 193 करोड़ रुपये की लागत आएगी और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने निर्माण कार्य में तेज़ी ला दी है।

इस पहल के तहत हाईवे पर फैले अवैध कटों को पूरी तरह बंद किया जाएगा। एनएचएआई खेड़की दौला से हरियाणा-राजस्थान सीमा तक की दूरी में उन्नत ‘न्यू जर्सी बैरियर कास्टिंग मशीन’ की मदद से कंक्रीट सुरक्षा अवरोध तैयार कर रहा है। ये अवरोध न सिर्फ सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देंगे, बल्कि अव्यवस्थित प्रवेश-निकास को रोककर ट्रैफिक को भी सुव्यवस्थित बनाएंगे।

अब तक यह कार्य खेड़की दौला से मानेसर तक पूरा किया जा चुका है। इस खंड पर अवैध कटों के कारण अब तक वाहन चालकों को मनमाने तरीके से हाईवे पर चढ़ने और उतरने की सुविधा थी, जिससे दुर्घटनाओं का जोखिम बना रहता था। नए प्रोजेक्ट में ऐसे कटों को बंद कर निर्धारित अंतराल पर 32 प्रवेश और निकास द्वार बनाए जाएंगे, ताकि ट्रैफिक नियंत्रण में रहे और चालकों को सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिल सके।

इसके अलावा, हाईवे के दोनों ओर ड्रेनेज सिस्टम तैयार किया जा रहा है, और उसके बाद रेलिंग व बैरिकेड्स लगाए जाएंगे, जिससे कोई भी वाहन मनमाने ढंग से हाईवे पर प्रवेश न कर सके।
एनएचएआई के डिप्टी मैनेजर प्रकाश तिवारी के अनुसार, यह कार्य 18 महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। परियोजना के अंतर्गत खेड़की दौला से बावल तक करीब 64.4 किलोमीटर लंबा हिस्सा पूर्ण नियंत्रण वाले एक्सप्रेस कॉरिडोर में तब्दील किया जाएगा।

इस सुधार योजना में पचगांव, राठीवास, हीरो मोटो धारूहेड़ा और सालावास में फ्लाईओवर का निर्माण भी शामिल है। इन निर्माण कार्यों के पूरा होने के बाद, यह खंड न केवल और अधिक सुरक्षित होगा, बल्कि यातायात का प्रवाह भी पहले की तुलना में कहीं बेहतर और सुगम हो जाएगा।



