हरियाणा के गुरुग्राम की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त और टिकाऊ बनाने के उद्देश्य से नगर निगम ने एक बार फिर कमर कस ली है। नगर निगम आयुक्त प्रदीप दहिया ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सफाई और कचरा प्रबंधन से जुड़ी परियोजनाओं को मिशन मोड में लागू किया जाए। मंगलवार को आयोजित समीक्षा बैठक में निगमायुक्त ने साफ कहा कि शहर की स्वच्छता में कोई भी कोताही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक के दौरान दहिया ने सेकेंडरी कचरा कलेक्शन प्वाइंट्स को व्यवस्थित और सौंदर्यपूर्ण बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि सिकंदरपुर कलेक्शन प्वाइंट को एक आदर्श मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां चारदीवारी, सुंदर चित्रकारी और गमलों की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, सभी कलेक्शन प्वाइंट्स पर चौबीसों घंटे कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी, ताकि आसपास कूड़े का जमाव न हो और साफ-सफाई बनी रहे।
नगर निगम आयुक्त ने मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (MRF) को विकसित करने के निर्देश भी जारी किए, जिससे कचरे का पुनः उपयोग और रीसाइक्लिंग संभव हो सके। कुछ MRF केंद्र CSR फंडिंग के तहत विकसित किए जाएंगे, जिसके लिए नगारो कंपनी के साथ जल्द ही एक समझौता (MoU) किया जाएगा।

दहिया ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन सड़कों की सफाई मशीनों से की जा सकती है, वहां दिन में ही मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग की व्यवस्था की जाए और इसकी सघन निगरानी भी सुनिश्चित की जाए।
सफाई व्यवस्था के साथ-साथ निगम की नजर अब अवैध कचरा डंपिंग, बागवानी से निकलने वाले कचरे और आवारा पशुओं की समस्या पर भी है। आयुक्त ने इस संबंध में त्वरित और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि ऐसे कदमों से नागरिकों में जागरूकता बढ़ेगी और शहर को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि शहर की मुख्य सड़कों की सफाई को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी और यह कार्य अब केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि परिणाम-आधारित होगा। नगर निगम का उद्देश्य न सिर्फ गुरुग्राम को साफ-सुथरा बनाना है, बल्कि उसे एक व्यवस्थित और पर्यावरण के अनुकूल शहर के रूप में विकसित करना है। इस लक्ष्य को पाने के लिए निगम हर स्तर पर सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।



