दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए लागू ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण शुरू हो चुका है, लेकिन जमीनी हालात इससे उलट दिखाई दे रहे हैं। शहर के कई इलाकों में खुले में कूड़ा जलाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ता जा रहा है।

बुधवार को ओल्ड फरीदाबाद स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे और सेक्टर-22 की सड़कों पर कूड़ा सुलगता हुआ मिला। मौके पर न तो कोई सफाई कर्मचारी नजर आया और न ही प्रशासन की कोई टीम। जबकि नियमों के मुताबिक, ग्रेप के पहले ही चरण में कचरा जलाने पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया जाता है। इसके बावजूद लोग खुलेआम नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे हालातों के चलते फरीदाबाद की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी शिकायतें बढ़ी हैं।

बुधवार को बल्लभगढ़ का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 295 रिकॉर्ड किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। फरीदाबाद का औसत AQI 201 रहा, जबकि एनआईटी और सेक्टर-30 क्षेत्र का स्तर 229 तक पहुंच गया। सेक्टर-11 और सेक्टर-16A की प्रदूषण मापक मशीनें बंद होने के कारण वहां का डेटा उपलब्ध नहीं हो सका।

वहीं, पूरे एनसीआर में धारूहेड़ा का प्रदूषण स्तर सबसे अधिक दर्ज किया गया यहां AQI 379 तक पहुंच गया, जो देश में उस दिन का सबसे खराब स्तर था।



