हरियाणा सरकार अब पेयजल की बर्बादी पर नकेल कसने की तैयारी में है। सरकार ऐसा कानून लाने जा रही है, जिसके तहत पानी की फिजूलखर्ची करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने इस संबंध में विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया है। उम्मीद है कि इसे विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।

विभाग के मंत्री रणबीर गंगवा ने बताया कि प्रस्तावित कानून का उद्देश्य पीने के पानी की बर्बादी रोकना, पाइपलाइन लीकेज की समस्या का समाधान करना और जल संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। इसके अलावा, पेयजल लाइनों में अवैध कट लगाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

गंगवा ने जानकारी दी कि वर्तमान में शहरों में पानी के बिलों की रिकवरी 60 से 65 प्रतिशत तक है, जबकि ग्रामीण इलाकों में यह महज़ 5 से 7 प्रतिशत के बीच है। इसे सुधारने के लिए विभाग अब पेयजल सप्लाई में मीटर लगाने की दिशा में काम कर रहा है।

उन्होंने बताया कि महाग्राम योजना के तहत 10 हजार से अधिक आबादी वाले 148 गांवों को चुना गया है। इनमें से 17 गांवों में पेयजल, सीवरेज और एसटीपी की सुविधाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि 30 में कार्य चल रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले दो वर्षों में इन सभी 148 गांवों में शहरों जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।




