हरियाणा में निजी तौर पर संचालित सभी प्ले स्कूलों को अब राज्य सरकार के साथ पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है। बिना पंजीकरण के संचालित संस्थानों के खिलाफ प्रशासन जल्द ही सख्त कार्रवाई शुरू करेगा। फिलहाल विभाग की ओर से प्ले स्कूल संचालकों को इस संबंध में जागरूक किया जा रहा है।

इस सिलसिले में हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अनिल कुमार और श्याम शुक्ला ने सोमवार को यमुनानगर में प्ले स्कूल संचालकों और अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में स्कूलों के पंजीकरण, बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।

आयोग सदस्य अनिल कुमार ने कहा कि जिले में चल रहे सभी निजी प्ले स्कूलों का पंजीकरण अनिवार्य है। उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूलों में कार्यरत प्रत्येक स्टाफ सदस्य का पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाए और उनका आधार कार्ड रिकॉर्ड में रखा जाए।

उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई और खंड शिक्षा अधिकारियों को आपसी समन्वय से अपने-अपने क्षेत्रों में पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कराने के निर्देश दिए।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी स्कूल में बच्चों के साथ शोषण या दुर्व्यवहार का कोई मामला सामने आता है, तो संबंधित अधिकारी तत्काल जिला बाल कल्याण समिति को सूचित करें। “बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी,” अनिल कुमार ने कहा।

आयोग ने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों का दाखिला करवाने से पहले संबंधित प्ले स्कूल की मान्यता और पंजीकरण स्थिति की जांच अवश्य करें।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि पंजीकरण प्रक्रिया नियमों के अनुसार पूरी की जा रही है और जिला बाल संरक्षण इकाई इसमें हरसंभव सहयोग कर रही है। वहीं, जिला कार्यक्रम अधिकारी मिक्षा रंगा ने सभी निजी प्ले स्कूल संचालकों से जल्द से जल्द पंजीकरण कराने की अपील करते हुए कहा कि “जो संस्थान बिना पंजीकरण के संचालित होंगे, उन्हें नियमानुसार बंद कर दिया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”



