फरीदाबाद की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ताज़ा रिपोर्ट ने बल्लभगढ़ को देश के पांच सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में ला खड़ा किया है। बुधवार को जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में बल्लभगढ़ का स्तर 319 दर्ज किया गया, जिससे यह पूरे देश का चौथा सबसे प्रदूषित शहर बन गया। चिंताजनक बात यह है कि यहां की हवा अब दिल्ली से भी ज्यादा खराब दर्ज की गई है।

लगातार बिगड़ती हवा ने न सिर्फ लोगों की परेशानी बढ़ाई है, बल्कि प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जिले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से लगाई गई पांच मॉनिटरिंग मशीनों में से कई लंबे समय से खराब पड़ी हैं। बुधवार को फरीदाबाद क्षेत्र की चार मशीनों में से एक भी प्रदूषण संबंधी डेटा नहीं दिखा पाई। सेक्टर-11 और सेक्टर-16ए स्थित उपकरण महीनों से बंद हैं, जिससे वायु गुणवत्ता का सही आकलन नहीं हो पा रहा।

धुंध और धुएं की परत से ढके शहर में दृश्यता बेहद कम रही। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सुबह-शाम सांस लेने में कठिनाई महसूस हो रही है। लोग यह भी आरोप लगा रहे हैं कि विभाग पारदर्शिता बरतने में नाकाम रहा है, जिसके चलते प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास प्रभावी नहीं हो पा रहे हैं।

जिला अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटे में करीब 150 मरीज सांस संबंधी दिक्कतों के साथ पहुंचे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार 300 से ऊपर का AQI बेहद खराब श्रेणी में आता है और इससे फेफड़ों पर गंभीर असर पड़ सकता है।

दिवाली के बाद से बल्लभगढ़ का एक्यूआई लगातार 300 के पार बना हुआ है। बावजूद इसके, कई मॉनिटरिंग स्टेशन बंद पड़े हैं। जब इस संबंध में लोगों द्वारा क्षेत्रीय अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यह पहली बार नहीं है जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने सवालों पर चुप्पी साधी है इससे पहले भी वे जिम्मेदारी से बचने के लिए दूसरे विभागों का हवाला देते रहे हैं।



