फरीदाबाद में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। शहर के ज्यादातर बस स्टैंड जर्जर हालत में पड़े हैं, जबकि बसें निर्धारित स्टॉप की बजाय बीच सड़क पर सवारियां उतार-चढ़ा रही हैं। इससे रोजाना जाम की स्थिति बनती है और यात्रियों को भारी असुविधा झेलनी पड़ रही है।

बीके गोल चक्कर, बाटा चौक, हार्डवेयर चौक और रोज गार्डन जैसे व्यस्त इलाकों में बने बस स्टैंड आज बदहाली की मिसाल बने हुए हैं। कहीं छतें टूटी पड़ी हैं, तो कहीं बेंचें जंग खाकर टूट चुकी हैं। यात्रियों के बैठने और रुकने की कोई उचित व्यवस्था नहीं है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बस स्टैंडों की मरम्मत और रखरखाव को लेकर कई बार शिकायतें दर्ज कराई गईं, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया। परिणामस्वरूप लोग बस स्टैंडों पर खड़े होने से कतराते हैं और सड़क किनारे ही बसों का इंतजार करते दिखाई देते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि जहां पूरे शहर के बस स्टैंड बदहाल हैं, वहीं केवल एनआईटी क्षेत्र का बस स्टैंड नया रूप ले चुका है। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि एनआईटी के बस स्टैंड को सजाने-संवारने में लाखों रुपये खर्च किए गए, लेकिन अन्य क्षेत्रों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है।

लोगों की मांग है कि नगर निगम और परिवहन विभाग तुरंत कार्रवाई करे। टूटे-फूटे बस स्टैंडों की मरम्मत कर उन्हें सुरक्षित और उपयोगी बनाया जाए, ताकि यात्री सुविधाजनक और सुरक्षित माहौल में यात्रा कर सकें।



