फरीदाबाद स्मार्ट सिटी कहलाने वाला फरीदाबाद अब दिल्ली की तरह प्रदूषण की मार झेल रहा है। शहर की हवा तेजी से दूषित होती जा रही है और प्रदूषण का स्तर लगातार “गंभीर” श्रेणी में बना हुआ है। सड़कों पर उड़ती धूल, खुले में रखी निर्माण सामग्री और वाहनों से निकलता धुआं हवा को और जहरीला बना रहे हैं। नतीजा यह है कि लोगों को आंखों में जलन और सांस संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए नए प्रतिबंध लागू किए गए हैं, जिससे वहां के हालात में कुछ सुधार देखा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर, फरीदाबाद में स्थिति उलटी दिशा में जा रही है। पिछले एक सप्ताह से बल्लभगढ़ का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार 300 के पार बना हुआ है, जिससे यह इलाका प्रदूषण का हॉटस्पॉट बनता जा रहा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, रविवार को बल्लभगढ़ का AQI 319 और फरीदाबाद का AQI 215 दर्ज किया गया। हालांकि सेक्टर-16ए में लगी प्रदूषण मापक मशीन अभी भी खराब है, जिससे शहर की वास्तविक स्थिति का पूरा आकलन नहीं हो पा रहा।

दिल्ली एनसीआर में फिलहाल ग्रैप (Graded Response Action Plan) का दूसरा चरण लागू है। इसके बावजूद फरीदाबाद में कई जगह खुले में कूड़ा जलता दिखाई दे रहा है। ग्रैप के पहले चरण में ही कचरा जलाने पर रोक होती है, लेकिन रविवार को सेक्टर-12 और ग्रेटर फरीदाबाद के कई इलाकों में रात के समय कचरा जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम और प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर समय रहते धूल नियंत्रण और कचरा प्रबंधन पर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में फरीदाबाद की हवा दिल्ली से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है।



