हरियाणा में तपेदिक (टीबी) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। निक्षय पोर्टल के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 7 दिसंबर 2024 से 19 अक्तूबर 2025 के बीच हरियाणा में 43,879 नए टीबी मरीजों की पुष्टि हुई है। इनमें सबसे अधिक मरीज फरीदाबाद जिले से सामने आए हैं, जबकि गुरुग्राम दूसरे, पानीपत तीसरे, रोहतक चौथे और नूंह पांचवें स्थान पर है।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबीनमुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा में संक्रमण की दर इस दिशा में चिंता बढ़ा रही है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, टीबीमुक्त भारत अभियान के तहत राज्यभर में व्यापक जांच अभियान चलाया गया। इस दौरान 6,39,977 असुरक्षित लोगों यानी ऐसे लोग जिन्हें संक्रमण का खतरा था की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से 43,879 व्यक्ति संक्रमित पाए गए। कुल मिलाकर 10,77,945 लोगों की जांच की गई, जिनमें असुरक्षित व्यक्तियों के आसपास रहने वाले लोग भी शामिल थे।

टीबी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जगह-जगह शिविर आयोजित किए। संक्रमित मरीजों के साथ उनके संपर्क में रहने वालों की भी जांच की गई। उप सिविल सर्जन (टीबी) डॉ. संजीव मलिक ने बताया कि अब भी कई लोग बीमारी की पुष्टि होने के बावजूद इलाज शुरू करने से हिचकते हैं। विभागीय टीमों ने 1,15,996 लोगों से निवारक उपचार के लिए संपर्क किया, जिनमें से केवल 57,583 लोगों ने इलाज शुरू किया।

इस अवधि में 45,719 मरीजों को पोषण किट दी गई है। कई मरीजों को छह या उससे अधिक किटें भी उपलब्ध कराई गईं। वहीं, निक्षय पोषण योजना के तहत 78,168 टीबी मरीजों को हर महीने 1,000 रुपये की पोषण सहायता दी गई है, ताकि वे अपना इलाज बीच में न छोड़ें।



