अगर आज सुशांत सिंह राजपूत जिन्दा होते और देख पाते कि उनको सिने प्रेमी किस शिद्दत के साथ प्यार करते है तभी तो उनकी आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर किसी भी नई फिल्म की रिलीज के सारे रिकॉर्डस तोड़ डाले है।
सर्वाधिक दर्शकों के साथ ही इसे सबसे पसन्दीदा फिल्म के साथ भी सराहा गया है। फिल्म को आईएमडीबी पर अब तक की सबसे ज्यादा रेटिंग मिली है। ‘दिल बेचारा’ को अब तक की सबसे बड़ी ओपनिंग मिली है यह एक रिकॉर्ड है।
फिल्म: दिल बेचारा
अवधि: एक घंटा, 41 मिनट 26 सेकंड
कुल स्टार: 4 स्टार
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म ‘दिल बेखर’ का प्रीमियर शुक्रवार शाम 7.30 बजे ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर हुआ। वहीं, फैन्स ने इस फिल्म को खुलकर देखा। इस फिल्म के कारण, शाम से ही ट्विटर पर #DilBecharaDay नंबर 1 पर हैशटैग ट्रेंड कर रहा था।
आपको बता दे की, इसका कारण यह है की सुशांत के जाने के बाद लोग सुशांत सिंह राजपूत का काम देखना चाहते थे अगर आप भी उसे महसूस करना चाहते हैं और उसका काम देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म जरूर देखें।
‘दिल बेचारा’ फिल्म में क्या है –
दिल बेचार ‘हॉलीवुड फिल्म F द फॉल्ट इन अवर स्टार्स’ का रीमेक है। इस फिल्म में कहानी एक सवाल से शुरू होती है और इस सवाल पर खत्म होती है। सवाल यह है कि ‘क्या कोई कभी खुशी से रह सकता है’? ‘क्या लोगों को अधूरेपन के साथ जीने के लिए मजबूर किया जा सकता है? ‘किसी को छोड़ने के विचार को क्या स्वीकार करना चाहिए? ‘कुछ लोगों के लिए जीवन इतना क्रूर क्यों है?’
सुशांत के डायलॉग्स – ‘जन्म कब लेना है और कब मरना है ये तो हम डिसाइड नहीं कर सकते, लेकिन कैसे जीना है ये हम डिसाइड करते हैं.’
‘जब कोई मर जाता है उसके साथ जीने की उम्मीद भी मर जाती है, पर मौत नहीं आती.’
‘मैं बहुत बड़े-बड़े सपने देखता हूं पर उन्हें पूरा करने का मन नहीं करता.’
‘प्यार नींद की तरह होता है धीरे-धीरे आता है और फिर आप उसमें खो जाते हैं.’
‘हीरो बनने के लिए पॉपुलर नहीं होना पड़ता, वो रियल लाइफ में भी होते हैं.’
‘मैं एक फाइटर हूं और मैं बहुत बढ़िया तरीके से लड़ा.’
फ़िल्म की जबरदस्त कहानी –
इस कहानी में नायक इमैनुएल जूनियर राजकुमार उर्फ मैनी को बीमारी के कारण एक पैर गंवाना पड़ा है। वहीं, हीरोइन किज्जी बसु थायराइड कैंसर से पीड़ित हैं और मैनी के दोस्त जगदीश पांडे को आंख की बीमारी है। वह इस फिल्म में बाद में अंधा होने जा रहा है।
सभी के बीच, प्रत्येक चरित्र के अपने सपने हैं। किज़ी को अपने पसंदीदा गायक अभिमन्यु वीर से मिलना है। वहीं, मन्नी को किज़ी के सपने को पूरा करना है। इस फिल्म की कहानी जमशेदपुर जैसी जगह से आगे बढ़ती है। फिल्म में हर कोई कड़वी वास्तविकता से दूर जाने का इरादा रखता है। फिल्म के पात्रों के करीब आते हुए, मौत से दूर भागने का संघर्ष देखा जाता है। इस फिल्म में मैनी खुश रहने की कोशिश करता है।
यह किज़ी को जीने का कारण देता है लेकिन वह जानता है कि अंततः क्या होने वाला है। इससे वह किसी भी हालत में उम्मीद नहीं छोड़ता और परिवार में बदलाव आता है। फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत के साथ ही संजना सांधी, स्वास्तिका मुखर्जी, साश्वता चटर्जी ने मुख्य भूमिकाएं निभाई है। फिल्म को मुकेश छाबड़ा ने निर्देशित किया है।
फ़िल्म में क्या है कमी
इस फिल्म में, एक सही उत्तर की खोज दिखाई गई है, जिसके कारण इसमें कुछ भी कमी नहीं है।अगर आप भी सुशांत सिंह राजपूत को महसूस करना चाहते हैं और उसका काम देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म ‘दिल बेचारा’ जरूर देखें।
Written by- Prashant K Sonni
ओम योग संस्थान ट्रस्ट, ओ३म् शिक्षा संस्कार सीनियर सेकेण्डरी स्कूल पाली , फ़रीदाबाद, हरियाणा, भारत…
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