जेवर एयरपोर्ट को फरीदाबाद से जोड़ने वाले नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर काम तेज रफ्तार से जारी है। इसी परियोजना के तहत डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के ऊपर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण भी आगे बढ़ाया जा रहा है। ओवरब्रिज की ऊंचाई और संरचना को देखते हुए यहां से गुजर रही हाईटेंशन बिजली की लाइनों को हटाना जरूरी हो गया था। इसलिए बिजली विभाग ने इन लाइनों को दूसरी दिशा में शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

गौतमबुद्धनगर के जेवर में तैयार हो रहा देश का सबसे बड़ा हवाईअड्डा कई राज्यों को सीधे जोड़ने वाला केंद्र बनने जा रहा है। इसी कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण फरीदाबाद से जेवर तक एक नया छह लेन वाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे तैयार कर रहा है। 31.4 किलोमीटर लंबा यह रास्ता हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुल 20 गांवों से होकर गुजरेगा और दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे सहित प्रदेश के तीन अन्य प्रमुख एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा।

एक्सप्रेसवे फरीदाबाद के सेक्टर-65 से शुरू होकर केजीपी एक्सप्रेसवे और यमुना नदी को पार करता हुआ यूपी में प्रवेश करेगा। इससे दिल्ली, हरियाणा और यूपी के यात्रियों के लिए जेवर एयरपोर्ट तक पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा।

बहबलपुर गांव के निकट एक्सप्रेसवे को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की ऊंची रेलवे लाइन पार करनी है, जहां पर आरओबी का निर्माण चल रहा है। यहां रेल ट्रैक पहले से ही लगभग 20 फुट की ऊंचाई पर है और इसके ऊपर डबल-डेकर ट्रेन संचालन के अनुरूप ओएचई तारें लगी हैं, जिससे कुल ऊंचाई करीब 35–40 फुट तक पहुंच जाती है। ऐसे में ओवरब्रिज का निर्माण सुरक्षित रूप से पूरा करने के लिए बिजली लाइनों का स्थानांतरण अनिवार्य हो गया।

एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर धीरज सिंह के अनुसार, आरओबी के कार्य को सुचारू रखने के लिए बिजली की लाइनें दूसरी जगह शिफ्ट की जा रही हैं और इस हिस्से में काम लगातार प्रगति पर है।



