रोहतक में बास्केटबॉल कोर्ट पर हुए हादसे के बाद फरीदाबाद के खिलाड़ी और कोच भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे। इसकी बड़ी वजह यह है कि जिले के कई खेल मैदानों की हालत बेहद खराब है। पाली स्थित बुध सिंह स्टेडियम तो हालत के हिसाब से सबसे खराब स्टेडियमों में गिना जा रहा है। स्टेडियम में कदम रखते ही चारों तरफ फैली झाड़ियां, कचरा और टूटी-फूटी सुविधाएं खिलाड़ियों के उत्साह को ठंडा कर देती हैं।

कबड्डी ग्राउंड पर सूखे पत्तों और टूटी डालियों का ढेर लगा है। वहीं एक नया अखाड़ा जरूर दिखाई देता है, लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार इसे खिलाड़ियों ने खुद अपनी मेहनत से तैयार किया है, किसी सरकारी सहायता से नहीं। कभी यहां बड़े टूर्नामेंट और कार्यक्रम आयोजित हुआ करते थे। इसी साल स्वतंत्रता दिवस पर यहां भव्य समारोह भी हुआ था, जहां नेताओं ने मरम्मत करवाने का वादा किया था, लेकिन अभी तक एक ईंट भी नहीं लगी।

स्टेडियम का शौचालय पूरी तरह जर्जर होकर बंद पड़ा है। भीतर फ्लश टूटे हुए हैं और बाहर पूरा इलाका जंगल जैसा बन चुका है। जिम के लिए बनाया कमरा भी बंद है, जहां जिम उपकरण टूटे-फूटे हाल में कमरे के अंदर और बाहर कबाड़ की तरह पड़े हैं।

स्टेडियम में लगी महान स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाओं की स्थिति भी चिंताजनक है। सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का एक हाथ टूटा हुआ है। वहीं महारानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, सरदार पटेल और चंद्रशेखर आज़ाद की प्रतिमाएं भी करीब दो दशक पुरानी हैं और वर्षों से उन पर न रंगाई हुई है और न मरम्मत। कई प्रतिमाएं किसी भी समय गिर सकती हैं। स्टेडियम निर्माण के समय लगाए गए शिलालेख पर लिखी जानकारी वाला पत्थर भी टूटकर नीचे गिर चुका है।



