हरियाणा के अंबाला छावनी बोर्ड ने अपने स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक नई पहल शुरू की है। बोर्ड का ध्यान अब केवल बेहतर शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों को सुरक्षित और पारदर्शी माहौल देने पर भी है। इसी उद्देश्य से अब स्कूलों में फेस रिकॉग्निशन तकनीक पर आधारित बायोमीट्रिक उपस्थिति सिस्टम लागू किया जा रहा है।

कक्षाओं के बाहर लगाए गए इन उपकरणों की मदद से बच्चे कमरे में प्रवेश करने से पहले ही अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे। इससे शिक्षकों का समय बचेगा और छात्रों की गतिविधियों पर स्मार्ट निगरानी भी संभव होगी।

फिलहाल यह व्यवस्था तोपखाना परेड स्थित स्कूल में परीक्षण स्तर पर शुरू की गई है। यहां पांच डिवाइस लगाए गए हैं और जल्द ही बाकी पांच मशीनें भी स्थापित कर दी जाएंगी। नई प्रणाली की खासियत यह है कि छात्रों या शिक्षकों की उपस्थिति केवल स्कूल परिसर से ही रिकॉर्ड होगी, जिससे हाजिरी में गड़बड़ी की संभावनाएं खत्म होंगी।

पहले शिकायतें मिलती थीं कि कुछ शिक्षक एक दिन पहले ही रजिस्टर में सुबह और शाम की उपस्थिति दर्ज कर देते थे, जिससे न केवल व्यवस्था प्रभावित होती थी बल्कि शिकायत करने वालों पर दबाव भी बनाया जाता था।
कैंटोनमेंट बोर्ड ने इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक स्कूल में शुरू किया है, जिसे सफल होने पर अन्य पांच स्कूलों में भी लागू किया जाएगा। बोर्ड के अधीन फिलहाल छह स्कूल संचालित हैं, जिनमें कुल 2598 बच्चे पढ़ते हैं।

तोपखाना परेड के आरएचए बाजार स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सबसे अधिक 1012 छात्र हैं, जबकि आरएचए बाजार प्राइमरी स्कूल में 267, बीसी बाजार मिडिल स्कूल में 281, बीआई बाजार हाई स्कूल में 396, रूट्स पब्लिक स्कूल में 514 और वात्सल्य स्कूल में 128 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
बोर्ड के नामित सदस्य अजय बवेजा ने इस पहल को शिक्षा व्यवस्था सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। उनका कहना है कि इससे न केवल छात्रों की वास्तविक उपस्थिति का सही पता चलेगा बल्कि शिक्षकों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और स्कूलों में बेहतर शैक्षणिक माहौल विकसित होगा।



