जर्मन बायोएनटेक और अमेरिकी पीफाइजर ने मिलकर इस साल के शुरू मे जो वैक्सीन बनाई थी, वो वैक्सीन अब फाइनल या आखरी स्टेज पर पोहोच कर सभी वैक्सीन्स मे सबसे आगे चल रही है।
मोडरना वैक्सीन की तरह, पीफाइजर की वैक्सीन भी आरएनए मैसेंजर वैक्सीन वर्ग की हैं। इन प्रकार के टीको मे एक दूत या मैसेंजर आरएनए को संशोधित करना शुरू करता है ताकि कोशिकाओं को वायरस का हिस्सा दोबारा बनाया जा सके, जो बहुत महत्वपूर्ण है।
इस मामले मे, पीफाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन ने मैसेंजर आरएनए को संशोधित करके शरीर मे कोशिकाओं को निर्देश देने के लिए SARS-CoV-2 वायरस की स्पाइकी बाहरी सतह स्पाइक ग्लाइकोप्रोटीन का उत्पादन किया है।
कंपनी द्वारा घोषित प्रोटोकॉल के अनुसार, वैक्सीन का परीक्षण 30,000 प्रतिभागियों पर किया जाएगा, वही मोडरना भी अपनी वैक्सीन के लिए उतने ही वालंटियर्स ले रही है।
परीक्षण मे 18 से 85 वर्ष की आयु के व्यक्तियों मे वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावशीलता की जांच करेंगे और यह जांच न केवल अमेरिका मे, बल्कि विश्व स्तर पर 120 साइटों मे आयोजित की जाएगी। यह जोड़ी अमेरिका के 39 राज्यों के साथ- साथ अर्जेंटीना, ब्राज़ील, और जर्मनी जैसे देशों मे भी ट्रायल्स करेगा।
अगर आखरी चरण का परीक्षण यह सिद्ध करने मे सफल होता है कि उम्मीदवार किसी व्यक्ति को कोविड-19 प्राप्त करने से रोकने मे प्रभावी है, तो पीफाइजर और बायोएनटेक इस साल अक्टूबर की शुरुआत मे मंज़ूरी के लिए अमेरिकी ड्रग रेगुलेटर के पास पहुचेंगे।
यदि अप्रूवल दिया जाता है, तो कंपनी ने 2020 तक 100 मिलियन खुराक और 2021 के अंत तक लगभग 1.3 बिलियन खुराक की आपूर्ति करने की योजना बना रखीं हैं।
Written By- Harsh Datt
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