अपने पुराने सामान को किसी को बेच देना उसके बेकार पड़े रहने से कई गुना बेहतर है और इसके लिए ज्यादातर लोग OLX जैसे प्लैटफॉर्म्स की मदद लेते हैं। शायद यह बात चौंकाने वाली लगे लेकिन इन प्लैटफॉर्म्स पर अपना पुराना सामान बेचने वाले यूजर्स को फ्रॉड का शिकार बनाया जा रहा है
और बड़े शहरों के ढेरों यूजर्स भी इस ‘OLX स्कैम’ का शिकार बन चुके हैं। नई ऐप बेस्ड पेमेंट सर्विसेज और यूपीआई से जुड़ी समझ की कमी और जरा सी लापरवाही यूजर्स को इसका शिकार बना देती है। ऐसे में सतर्क रहना जरूरी है ऐसा ही एक मामला सुनने को मिल रहा है जहाँ एक व्यक्ति खुद को फौजी बताता है और लोगो को अपना शिकार बनाता है
फोन उठते ही मैंने पूछा- ‘यार एसी तो आपका बिल्कुल नया लग रहा है, बेच क्यों रहे हैं?’ जवाब मिला- ‘ट्रांसफर हो रहा है सर. कल रात तक मुझे निकलना है. अर्जेंट में बेच रहा हूं. 6 महीने पहले बेटे के बर्थडे पर खरीदा था. बिल भी है. कम से कम साढ़े तीन साल की वारंटी में है.‘ मैंने कहा- ‘मुझे खरीदना है. क्या करना होगा?’
भाई बोला- ‘मैं आर्मी में हूं, दिल्ली कैंट से बोल रहा हूं. कोरोना की वजह से यहां आना किसी को अलाउड नहीं है. मैं आर्मी के पार्सल वैन से आपके पास भिजवा सकता हूं. आपको ठीक लगे तो पैसे दे देना नहीं तो गाड़ी वापस ले आएगी. ‘यहां तक सब ठीक चल रहा था. मैंने सोचा थोड़ा मोल-भाव करके देखते हैं.
बात 14 हजार की जगह 12 हजार पर तय hi हो गई. ये सब हो रहा था 8 अगस्त 2020 को. उसने कहा- ‘आप अपना ऐड्रेस इसी नंबर पर व्हॉट्सऐप कर दीजिए. कल सुबह 8 बजे तक मेरी परेड होती है, उसके बाद एक बार कॉल कर लीजिएगा.’
9 अगस्त की सुबह मैने फिर कॉल किया. उसने ऐसे जताया जैसे वो पहली बार बात कर रहा हो . मैंने उसे हमारी कल की बातचीत याद दिलाई. बोला- ‘कल से इतने सारे फोन आ रहे हैं कि याद रखना मुश्किल है किससे क्या बात हुई.’
मैंने कहा- ‘मैं 12 हजार में आपका एसी खरीदने को तैयार हूं, आप कब तक भेजेंगे ये बताइये.’ उसने कहा- ‘मुझे अपने ट्रांसफर के लिए कई कागजी कार्रवाई करनी है, उन्हीं सब में फंसा हुआ हूं.
आज रात तक निकलना है. मैने आर्मी टू आर्मी तो पार्सल भिजवाए हैं, लेकिन किसी सिविलियन के पास आर्मी पार्सल वैन भेजने के लिए मुझे अपने साहब से पूछना पड़ेगा. मैं पूछकर फिर आपको कॉल-बैक करता हूं.’
उसने कॉल बैक नहीं किया. करीब 3 घंटे बाद मैंने फिर नंबर मिलाया. पूछा- ‘क्या सीन है? कब भेज रहे हैं? साहब से बात हुई?’ कहने लगा- ‘हां सर, बात हुई. प्रॉसेस ये है कि आपके नाम से एक चालान कटेगा 2100 रुपए का. क्योंकि आप सिविलियन हैं.
वो आपकी सिक्योरिटी मनी होगी. क्योंकि सरकारी गाड़ी जा रही है, कहीं आपने फोन नहीं उठाया, या ऐड्रेस पर कोई नहीं मिला तो क्या होगा. इसलिए 2100 रुपए पहले जमा कराना होगा. आप एसी खरीदें तो 2000 कम दे देना.’ ये सुनते ही मेरा शक यकीन में बदल गया.
मैंने कहा- ‘आप ऐसा करो, वो चालान आप बनवा दो और एसी भिजवा दो. जो भी होगा मैं पेमेंट में एडजस्ट कर दूंगा’. जवाब मिला- ‘लेकिन सर मेरे नाम से वो बन ही नहीं सकता ना, आपके नाम की ट्रांजैक्शन आईडी चाहिए. तभी वैन निकल पाएगी. वो गेट पास जैसा होता है.’
मैने कहा- ‘भाई मेरे, क्या गारंटी है कि 2100 रुपए देने के बाद वैन मेरे पास आएगी ही. एडवांस में तो मैं कुछ नहीं देने वाला. कोई दूसरा तरीका हो तो बताओ.‘ उसने कहा- ‘दूसरा कोई तरीका नहीं है सर’. मैंने कहा- ‘तो फिर धन्यवाद.’
OLX पर एक ऑप्शन होता है- Report Ad. मैंने उसका इस्तेमाल किया. लिखा कि ये शख्स कई लोगों से बात कर रहा होगा, कोई भी इसके झांसे में आ सकता है. इसका अकाउंट फौरन डी-एक्टिवेट किया जाए. OLX ने भी देर नहीं लगाई.
कुछ ही सेकेंड्स के भीतर उसके अकाउंट पर दिखने लगा- Suspicious User Detected. और इसके कुछ देर बात ही यूज़र इन-ऐक्टिव हो गया. अब जो लोग उससे सिर्फ उसके मोबाइल नंबर पर डील कर रहे हों और OLX पर देखने भी नहीं आ रहे हों, उनका तो नहीं कहा जा सकता लेकिन इस तरह कम से कम उसे नया शिकार मिलने का रास्ता तो बंद हो गया.
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