इस योजना के तहत आपको कभी भूखे पेट नहीं सोना पड़ेगा, सरकार दे रही है भरपूर खाना जानिये यहां

खाना : केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार दोनों ही अपनी जनता के लिए अनेकों योजनाएं लेकर आते हैं। लेकिन किसी कारणवश हम तक इन योजनाओं के बारें में जानकारी नहीं पहुंचती। जिनको इन योजनाओं की आवश्यकता होती है वे इसका लाभ नहीं उठा पाते कारण होता है जानकारी न मिलना, योजना के लिए आवदेन कैसे दें इसका पता न होना।

जो योजनाओं के असली हकदार होते हैं वे बस सरकार को कोसते रहते हैं कि सरकार कुछ नहीं करती हमारे लिए, यदि हर किसी के पास योजनाओं की जानकारी हो तो वे इसका लाभ ले सकते हैं, लेकिन जानकारी न मिलने से जिसको आवश्यकता नहीं है वे इन योजनाओं का लाभ उठा लेते हैं और जरूरतमंदों तक यह नहीं पहुंच पाती और फिर वे सरकार को कोसते हैं। खाना

इस योजना के तहत आपको कभी भूखे पेट नहीं सोना पड़ेगा, सरकार दे रही है भरपूर खाना जानिये यहां

पहचान फरीदाबाद अपनी जनता के लिए हर दिन केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही योजना या फिर हरियाणा सरकार दी जा रही योजनाओं के बारे में बताएगा।हमारा उद्देश्य है कि असली हकदार को उसका हक मिले, सभी तक जानकारी पहुंचे।

हमारी यह शुरुवात यदि आपको पसंद आति है तो इसे शेयर करें, लाइक करें ताकि और भी लोगों को जानकारी प्राप्त हो सकेपहचान फरीदाबाद अपनी जनता के लिए हर दिन केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही योजना या फिर हरियाणा सरकार दी जा रही योजनाओं के बारे में बताएगा। हमारा उद्देश्य है कि असली हकदार को उसका हक मिले, सभी तक जानकारी पहुंचे।

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आज जिस योजना के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं उसका नाम है “प्रधानमंत्री अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना” इस योजना की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा देश के गरीब परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए की गयी है। इस योजना के अंतर्गत अंत्योदय राशन कार्ड धारको को सरकार द्वारा प्रतिमाह 35 किलो राशन प्रदान किया जायेगा। खाना

केंद्र सरकार ने इस योजना के अंतर्गत एक और फैसला लिया है कि देश के गरीब परिवारों के साथ साथ दिव्यांगों को भी इस योजना के अंतर्गत हर महीने 35 किलो अनाज गेहूं 2 रुपये प्रति किलोग्राम और धान 3 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाबप्रति परिवार को दिया जायेगा।

अन्न के बिना जीवन एक दम मुश्किल है। अन्न के बिना हम नहीं रह सकते। इस योजना का लक्ष्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली को अधिक केंद्रित तथा गरीब आबादी के अत्‍यंत गरीब वर्ग तक पहुँचाना यह शुरू की गयी थी दिसंबर, 2000 में।

भोजन हो या जल दोनों के बिना इंसान का जीवन किसी काम का नहीं है। अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना, राज्‍यों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत आने वाले बीपीएल परिवारों में से अत्‍यंत गरीब परिवारों की पहचान करके अत्‍यधिक रियायती दर पर यानी 2 रू. प्रति किलो गेहूँ और 3 रू. प्रति किलो चावल उपलब्ध कराती है।

वितरण लागत, व्‍यापारियों तथा खुदरा विक्रेताओं का लाभ और परिवहन लागत राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों को वहन करना पड़ता है। अत: इस योजना के अंतर्गत पूरी खाद्य सब्सिडी उपभोक्ताओं को मिलती है।

पहचान फरीदाबाद का लक्ष्य है कि उसकी जनता तक सभी योजनाओं के बारे में जानकारी पहुंचे। अन्‍त्‍योदय परिवारों की पहचान और ऐसे परिवारों को विशिष्‍ट राशन कार्ड जारी करना संबंधित राज्‍य सरकारों की जिम्‍मेदारी होती है। इस योजना के तहत आबंटन के लिए खाद्यान, पहचाने गए अन्‍त्‍योदय परिवारों को विशिष्‍ट एएवाई राशन कार्ड जारी करने के आधार पर राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों को जारी किए जाते है।

शुरूआत में जारी किया गया पैमाना जो कि प्रति परिवार 25 किलो प्रति महीना था उसको प्रभावी पहली अप्रैल, 2002 से प्रति परिवार 35 किलो प्रति महीना तक बढ़ा दी गई है।

अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजनागरीबी रेखा के नीचे परिवारों की पहचान करके 1 करोड़ परिवारों के लिए शुरू की गई थी। इस योजना के तहत राशि को तीन बार यानी की 2003-04, 2004-05 और 2005-06 के दौरान हर समय 50 लाख अतिरिक्‍त परिवारों के लिए बढ़ाया बढ़ाया गया। इस प्रकार एएवाई के अंतर्गत कुल 2.50 करोड़ परिवारों तक पहुंचाया गया।

इस हिसाब से मिल सकता है लाभ – भूमि हीन कृषि मजदूर, सीमांत किसान, ग्रामीण शिल्पकार/कारीगर जैसे कुम्‍हार, चमड़ा कारीगर, बुनकर, लोहार, बढ़ई, झुग्‍गी में रहने वाले तथा अनौपचारीक क्षेत्र में दैनिक आधार पर कार्य करने वाले व्‍यक्ति जैसे दरबान, कुली, रिक्‍शा चालक, रेहड़ी वाले, फल-फूल बेचने वाले, सपेरे, कूड़ा उठाने वाले, मोची, बेसहारा और ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में इस तरह के अन्‍य श्रेणियों के लोग।

विधवाओं के परिवार या बीमार व्‍यक्ति/विकलांग/60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्‍यक्ति जिनके पास निर्वाह अथवा सामाजिक सहायता के लिए कोई सुनिश्चित साधन न हो। विधवा या बीमार व्‍यक्ति या विकलांग व्‍यक्ति या 60 साल से अधिक के व्‍यक्ति जिनके पास निर्वाह अथवा सामाजिक सहायता के लिए कोई सुनिश्चित साधन न हो। खाना

Avinash Kumar Singh

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