नगर निगम के अकाउंट ब्रांच में आग लगने के बाद भस्म हुए बल्लबगढ़ रिकॉर्ड के कई घोटाले।रविवार सुबह अचानक नगर निगम के अकाउंट ब्रांच में चैक बनाने वाले कमरे में आग लगने की सूचना तुरंत फायर ब्रिगेड को दी गई।
जानकारी के मुताबिक इस ब्रांच में नगर निगम के विकास कार्यों से संबंधित रिकार्ड भी रखा हुआ था, जो आग लगने के बाद खाक हो गए है।
जानकारी के मुताबिक मौजूदा वक्त में उक्त कमरे में बल्लभगढ़ के घोटालों से संबंधित रिकार्ड को जलाने के लिए इस खेल को अंजाम दिया गया। अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चला है।
मगर निगम में आग लगने की इस घटना को सीधे तौर पर बल्लभगढ़ के घोटालों से जोडक़र देखा जा रहा है
पहले ही निलंबित हो चुका है फाईनेंस कंट्रोलर
बता दें कि बल्लभगढ़ में करोड़ों रुपए के घोटालों के चलते निगम के फाईनेंस कंट्रोलर को निलंबित किया जा चुका है। इन मामलों की जांच बड़े पैमाने पर चल रही थी।
इसकी जांच निगम के ज्वाइंट कमिश्नर प्रशांत कुमार, चीफ इंजीनियर एवं जेडीटो रतनलाल रोहिल्ला की कमेटी कर रही थी। इसी प्रकार एडीसी सतबीर मान व ज्वाइंट कमिशनर ओल्ड फरीदाबाद को भी एक जांच सौंपी गई थी।
इस घोटाले में ज्वाइंट कमिश्नर प्रशांत कुमार बढिय़ा तरीके से जांच कर रहे थे। उन्होंने सारा रिकार्ड तलब कर रखा था। यह रिकार्ड जांच कमेटियों के पास पहुंंचता, उससे पहले ही यह संदेहास्पद आग की घटना घटित हो गई।
आग लगने की जानकारी मिलते ही निगम की इंजीनियरिंग ब्रांच व प्रशासनिक स्तर के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। निगम में अधिकांश अधिकारी व कर्मचारियों का यही मानना है कि जानबूझकर आगजनी की इस घटना को अंजाम दिया गया है। फिलहाल इस आग लगने की जांच की जा रही है, जिसमें देखा जाएगा कि कौन सा रिकार्ड जल गया है।
निगम कर्मियों का मानना है कि यदि बल्लभगढ़ घोटालों से संबंधित रिकार्ड जला है तो यह आग जानबूझकर लगाई गई हो सकती है। सरकार तक भी इन घोटालों की पूरी जानकारी पहुंच चुकी है।
इसके चलते ही फाईनेंस कंट्रोलर विशाल कौशिक को निलंबित किया जा चुका है। हालांकि कौशिक का कहना है कि वह इस मामले में बेकसूर हैं। वहीं फिलहाल फाईनेंस विभाग में आग लगने की इस घटना की न्यायिक जांच की मांग उठने लगी है।
बता दें कि बल्लभगढ़ के पार्षद दीपक चौधरी सहित पांच पार्षदों ने निगम आयुक्त यश गर्ग को लिखित तौर पर पचास करोड़ रुपए के घोटाले की शिकायत दी थी। इसके अलावा बल्लभगढ़ में एक और घोटाले की शिकायत भी सरकार के पास पहुंची थी।
इस घोटाले को अंजाम देने में कई ठेकेदार व अधिकारी मिले हुए हैं। इस घोटाले में 30 करोड़ रुपए के काम की एवज में 80 करोड़ रुपए का भुगतान किए जाने की शिकायत दी गई है। देखना अब यह है कि फाईनेंस ब्रांच में आग लगने की जांच के बाद क्या मामला निकलकर सामने आता है।वहीं अधिकारियों का कहना है कि कोई रिकार्ड नहीं जला है।
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