कोरोना वयरस के संक्रमण के बढ़ते चरणों को देखकर लागू हुए लॉकडाउन में अधिकांश मजदूरों को औद्योगिक क्षेत्र ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। जिसके कारण सैकड़ों मजदूर बेरोजगार हो गए। अब इसी बेरोजगारी को दूर करने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार एक नया आयाम तैयार करने का विचार बना रही है,
जिसमें वह नई औद्योगिक नीति के ड्राफ्ट में सरकार का फोकस इंडस्ट्री सेक्टर में 1 लाख करोड़ के निवेश और 5 लाख नौकरियां सृजित करने का टारगेट पूरा किया जाएगा।
इसके तहत हरियाणा को निवेश की दृष्टि से एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित करना है। वैसे भी इज ऑफ डूइंग बिजनेस सर्वे में उत्तर भारत में हरियाणा पहले स्थान और देश में तीसरे स्थान पर है।
हरियाणा एंटरप्राइजेज एंड एंप्लॉयमेंट पॉलिसी 2020’ के मसौदे के अनुसार हरियाणा को प्रतिस्पर्धा और पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने,
क्षेत्रीय विकास को प्राप्त करने, विविधीकरण को निर्यात करने और लचीला आर्थिक विकास के माध्यम से अपने लोगों को आजीविका के अवसर प्रदान करने की योजना बनाई जा रही है
इसके अंतर्गत प्रदेश के सभी 22 जिलों में औद्योगिक इकाइयों को मजबूती प्रदान करना होगा और वहां निवेशकों के लिए उपयुक्त माहौल बनाना होगा।
इस पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इस महीने के अंत तक इसे फाइनल कर लिया जाएगा। नई नीति में भूमि, श्रम और संस्थागत तंत्र में नियामक सुधारों का प्रस्ताव करने की उम्मीद है।
यह नई पॉलिसी पूरे राज्य में एक संतुलित क्षेत्रीय विकास की आवश्यकता पर जोर देती है। इसके अंतर्गत राज्य के औद्योगिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों के लिए उद्योग के फैलाव और वहां मेगा परियोजनाओं को स्थापित करने पर भी बल दिया जाएगा। इसमें एमएसएमई सेक्टर के भविष्य के विकास के लिए भी कई परियोजनाएं होंगी।
इसमें ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड निवेश को बढ़ावा देने, औद्योगिक बुनियादी ढांचे के विकास और रखरखाव के लिए एक श्रम-गहन दृष्टिकोण को अपनाने, रणनीतिक कौशल विकास पहल और तकनीकी हस्तक्षेपों के निष्पादन के माध्यम से रोजगार सृजन पर नीति का ध्यान केंद्रित किया गया है।
बताते चलें कि हरियाणा का करीब 57 फीसद क्षेत्र एनसीआर दायरे में है। इसका लाभ भी प्रदेश को निवेश की दृष्टि से मिलेगा। ऐसा सरकार को उम्मीद है। अभी फिलहाल प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में एकीकृत हिसार विमानन हब, केएमपी आर्थिक गलियारा, आईएमटी सोहना, ग्लोबल सिटी गुरुग्राम और नारनौल में एक मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक हब पाइपलाइन में है।
जबकि निवेश को बढ़ावा देने के लिए, राज्य ने सात क्षेत्रों की पहचान की है। इसमें ऑटो, ऑटो घटकों और हल्के इंजीनियरिंग, कृषि आधारित, खाद्य प्रसंस्करण और संबद्ध उद्योग, वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण, रक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण, दवा और चिकित्सा उपकरण व रासायनिक और पेट्रोकेमिकल सेक्टर शामिल हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमों के समर्थन में हरियाणा ग्रामीण विकास योजना भी इस नीति के तहत शुरू की जा रही है। महिलाओं के लिए काम करने वाली तीन पारियों को अनुमति देने का प्रावधान डेटा पार्क केंद्रों के लिए किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए पंचायती भूमि को उद्योग को पट्टे पर उपलब्ध कराया जाएगा। इस संबंध में एक उपयुक्त नीति बनाई जाएगी।
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