भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस (नैशनल सोपर्ट्स डे) मेजर ध्यानचंद सिंह के जन्मदिन के उपलक्ष में प्रत्येक वर्ष 29 अगस्त को मनाया जाता है | मेजर ध्यानचंद सिंह का जन्म 29 अगस्त 1905 को भारत के इलाहाबाद में हुआ | मेजर ध्यानचंद सिंह हॉकी के उम्दा खिलाड़ी थे साथ ही वे एक बहुत ही शानदार कप्तान भी थे जिनके नेतृत्व में भारतीय हॉकी ने नयी उप्लाभ्दियाँ हासिल करीं |
चंद का मूल नाम ध्यान सिंह था उपनाम ‘ चंद ‘ उन्हें उनके सहयोगियों से प्राप्त हुआ था | वर्ष 1921–1956 तक देश का नाम रोशन करने वाले मेजर ध्यानचंद सिंह का देहांत 74 साल की उम्र में 3 दिसम्बर 1979 को हुआ था | ऐसा बताया जाता है उन्होंने अपने खेल जीवन में 1000 से अधिक गोल दागे। भारत एवं विश्व हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाडड़ियों में उनकी गिनती होती है।
उन्हें हॉकी का जादूगर भी कहा जाता है | अपने खेल करियर के दौरान बतौर कप्तान ध्यानचंद ने हॉकी में भारत को 3 ओलंपिक पदक (वर्ष 1928, 1932, 1936 में) दिलाये और अब तक एक मात्र हॉकी खिलाड़ी हैं जिन्हें पद्म भूषण पुरस्कार प्राप्त हुआ है | उन्ही के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए राष्ट्रीय खेल दिवस उनकी जयंती के दिन मनाया जाता है। मेजर ध्यानचंद सिंह सन 2012 में सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय नौजवानों में खेल के प्रति नयी ऊर्जा, उत्साह और उमंग भरता है |
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम भारत की राजधानी दिल्ली के राजपथ मार्ग पर स्थित है | ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम 1933 में बनवाया गया एक ऐसा स्टेडियम है जो अपने आप में ही एक मिसाल है | यह वही स्टेडियम है जिसके मैदान पर हॉकी विश्वकप (पुरुष) 2010 का आयोजन किया गया था।
प्रत्येक वर्ष इस स्टेडियम में कई प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है | सभी खिलाड़ी अपने बेहतरीन खेल कौशल का प्रदर्शन करते हैं और सभी खिलाड़ियों का सपना होता है कि एक दिन वे ध्यानचंद अवार्ड से सम्मानित किये जाएं | खेल के क्षेत्र में ध्यानचंद अवार्ड सबसे सम्मानित और सर्वोच्च सम्मान है |
इसके अतिरिक्त् लगभग सभी भारतीय स्कूल और शिक्षण संस्थान ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के दिन अपना सालाना खेल समारोह आयोजित करते हैं | खासकर भारत के पंजाब और हरियाणा राज्यों में यह दिवस बहुत ही धूम धाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मेजर ध्यानचंद देशप्रेम का बेहतरीन उदाहरण हैं | यह बात पीएम मोदी ने अपने एक मन की बात सेशन के दौरान लोगों से सांझा की और साथ ही यह भी कहा की नौजवानो को मेजर ध्यानचंद का खेल के प्रति निष्ठा और लगन सराहनीये है |
इसी के साथ प्रधानमंत्री ने युवकों और सभी वर्ग के लोगों से यह अपील भी करी कि सभी को अपने जीवन में खेल के महत्त्व को समझना चाहिए साथ ही खेल को अपने जीवन का महत्त्वपूर्ण भाग बनाना चाहिए |
आज के तकनीकी दौर के व्यस्त जीवन में जहाँ व्यक्ति अपने स्वास्थ्य की परवाह न करते हुए दिन रात पैसा कमाने में लगा हुआ है वहां उसे खेल का महत्त्व समझाना और भी ही आवश्यक हो गया है | खेल न सिर्फ मनोरंजन का एक माध्यम है अपितु यह जीवन का अभिन्न अंग भी है जिसका महत्त्व लोग भूल हैं |
आज के समय में 90 प्रतिशत के अधिक बीमारियां जीवन में खेल की कमी से होती हैं | ऐसे में ज़रूरी है कि हम अपने रोज़ मरा के जीवन से कुछ पल अपनी स्वास्थ्य के लिए निकालें | किसी ने सही ही कहा है कि अगर रुपये गए तो कुछ गया और अगर स्वास्थ्य गया तो आपके पास कुछ नहीं बचेगा |
कई डॉक्टरों ने यह रिसर्च भी किया है कि जो व्यक्ति अपने जीवन काल में खेलता है वो लम्बे समय तक स्वस्थ रहता है और उसको बीमारियां जल्दी नहीं घेरतीं | खेलने से व्यक्ति की रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ती है साथ ही व्यक्ति तारो-ताज़ा और दुरुस्त रहता है | नौजवानों में खेल के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतर-राष्ट्रीय खेल उत्सव जैसे ओलम्पिक खेलों का भी आयोजन किया जाता है जहां देश-विदेश के लोग अपने खेल का प्रदर्शन कर न सिर्फ अपना नाम रोशन करते हैं और देश का भी गौरव बढ़ाकर अपने देश का नाम दुनिया में प्रसिद्ध करते हैं |
खेल के प्रति लोगों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा अनेकों प्रयास किये तथा योजनाएं बनायीं गयी हैं | यह देखा गया है कि किसी भी समृद्ध देश के युवा उत्साह संपन्न एवं स्वस्थ होते हैं जिससे कि देश का भविष्य और भी उज्जवल होता है | ऐसे में यह हैं आवश्यक है कि सभी वर्ग के लोग – बच्चे, बूढ़े और जवान अपने जीवन में खेल के महत्त्व को समझें और इसे अपने दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाये | Written By – MITASHA BANGA
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