हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने खरीफ-2020 के दौरान बोई गई बाजरे की फसल के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कार्य आगामी 10 सितंबर तक पूरा हो जाएगा। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने बताया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि वास्तविक किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिले और राज्य का पैसा पड़ोसी राज्यों से आने वाली फसलों पर खर्च न हो, हरियाणा सरकार ने इस वर्ष केवल वही बाजरा खरीदने करने का निर्णय लिया है।
जिसका विवरण किसानों ने पहले ही मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर जमा करवा दिया है और अधिकारियों द्वारा इसे सत्यापित किया जा चुका है। इसलिए, फसल डेटा का पूर्ण और समय पर सत्यापन सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि राज्य में किसानों को अपनी फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ-साथ विभाग द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहनों और सब्सिडी का लाभ भी मिल सके।
उन्होंने कहा कि इस मामले में त्रुटियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और किसी भी चूक के मामले में अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कौशल ने बताया कि किसानों द्वारा निर्धारित समय-सीमा के भीतर जमा करवाए गए फसल डेटा को सत्यापित करने के लिए सभी जिलों में लगभग 650 कर्मचारी पहले ही तैनात किए जा चुके हैं। सत्यापन डेटा वेब एप्लिकेशन के माध्यम से दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि फसल बुकिंग की कवायद को समय पर पूरा करने के लिए राज्य सरकार की आउटसोर्सिंग नीति के माध्यम से कृषि विकास अधिकारी (एडीओ) के प्रत्येक स्वीकृत पद के विरुद्ध अतिरिक्त मैनपावर की व्यवस्था की जा रही है। प्रत्येक बाजरा उत्पादक जिले में एक अतिरिक्त मैनपावर भी लगाई जाएगी। एडीओ के साथ तैनात व्यक्ति फसल बुकिंग के बाद उसी गाँव में फसल काटने के प्रयोग का कार्य भी संचालित करेगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि संबंधित उप-निदेशक, कृषि (डीडीए) संबंधित जिले की अधिकृत आउटसोर्सिंग एजेंसी से आउटसोर्सिंग नीति के माध्यम से एडीओ के प्रत्येक स्वीकृत पद के लिए एक व्यक्ति की व्यवस्था करेगा।
उम्मीदवार एक कृषि स्नातक होगा और संबंधित जिले में पर्यवेक्षक के लिए संबंधित डीसी दर पर अर्ध-कुशल व्यक्ति के मासिक वेतन का हकदार होगा। ये आउटसोर्स व्यक्ति पूरे वर्ष काम करेंगे और फसल कटाई प्रयोग, मेरी फ़सल-मेरा ब्योरा और विभाग की अन्य गतिविधियों के लिए एडीओ की सहायता करेंगे।
आवश्यकता अनुसार तथा मैनपावर की उपलब्धता के मुताबिक फसल बुकिंग कार्य के लिए महेंद्रगढ़, भिवानी, रेवाड़ी, चरखी दादरी, झज्जर, गुरुग्राम और मेवात जैसे बाजरा उत्पादक जिलों में संबंधित डीडीए द्वारा प्रत्येक अतिरिक्त मैनपावर के लिए केवल दो महीने हेतु एक अतिरिक्त मैनपावर भी लगाई जाएगी।
इन आउटसोर्स व्यक्तियों की सेवाओं के अलावा, संबंधित डीडीए फसल बुकिंग के कार्य में सक्षम युवाओं को भी लगाएंगे। सभी एडीओ के स्वीकृत पदों के लिए अधिकतम तीन सक्षम युवाओं को केवल दो महीने के लिए लगाया जा सकता है।
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा जिला-स्तरीय उपयोगकर्ता (डीडीए) और उनके लॉगिन क्रेडेंशियल बनाए जाएंगे। डीडीए द्वारा आगे उप-उपयोगकर्ता (एडीओ) बनाए जाएंगे और वे अपने जिले के प्रत्येक उपयोगकर्ता को गाँव आवंटित करेंगे। यह सुनिश्चित करना डीडीए की जिम्मेदारी होगी कि अपने-अपने जिले का प्रत्येक गांव एक एडीओ को सौंपा जाए।
फसल बुकिंग की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए श्री कौशल ने बताया कि संबंधित एडीओ और उनके प्रतिनिधि या सहायक मैनपावर ड्रॉप-डाउन विकल्प के माध्यम से विशेष खसरा संख्या में बोई गई फसल के नाम को ही भरेंगे और उसका सत्यापन करेंगे। जमीन के मालिक के सत्यापन का कोई विकल्प नहीं है।
किसी भी स्तर पर, यदि कोई एडीओ या उसका प्रतिनिधि या सहायक कर्मचारी किसी विशेष खसरा नंबर में मालिकों की सूची देखना चाहते हैं, तो वे खसरा नंबर पर क्लिक कर सकते हैं। एक पॉपअप विंडो में उस विशेष खसरे के सभी भूमि मालिकों का विवरण होगा।
हरियाणा में किसान 7 सितंबर तक मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं। किसी भी सहायता के लिए वे सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच हेल्पलाइन नंबर 1800-180-2117 और 1800-180-2060 पर भी संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 6,37,568 किसानों ने पोर्टल पर 35,16,663.44 एकड़ भूमि का पंजीकरण करवाया है।
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