हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने बताया कि बाजरे की फसल के आंकड़ों का सही और समय पर सत्यापन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने सभी जिलों में 1,500 से अधिक अधिकारियों को तैनात किया है। किसानों की शिकायतों के निवारण के लिए एक फुल-प्रुफ मैकेनिज्म बनाया है। उन्होंने बताया कि ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर अब तक राज्य के 7,01,061 किसानों ने 38,88,304.45 एकड़ भूमि पर फसल का पंजीकरण किया है।
उन्होंने आज यहां बताया कि खरीफ-2020 के दौरान बोई गई बाजरा की फसल का 10 सितंबर, 2020 तक पूर्ण सत्यापन सुनिश्चित करने के लिए जिलों में 727 कृषि स्नातक और 800 सक्षम युवा पहले से ही लगाए गए हैं। इस कार्य को करने के लिए आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त लोग लगाने की व्यवस्था भी की गई थी। उन्होंने कहा कि गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और किसी भी चूक के मामले में अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
श्री कौशल ने कहा कि जो किसान भूमि रिकॉर्ड से संबंधित मुद्दों का निवारण करवाना चाहते हैं वे उक्त पोर्टल के माध्यम से जिला राजस्व अधिकारी (डीआरओ) से संपर्क करें। किसी भी अन्य शिकायत के लिए किसान टेलीफोन या ई-मेल के माध्यम से संबंधित कृषि विभाग के उप निदेशक (डीडीए) से संपर्क कर सकते हैं, संबंधित डीडीए सात दिनों के भीतर उनके मुद्दे का समाधान सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने किसानों को ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकरण करने का आग्रह करते हुए कहा कि विभाग ने इस योजना के तहत सभी किसानों को कवर करना सुनिश्चित किए जाने का लक्ष्य रखा है। इससे राज्य के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेच सकेंगे और विभाग द्वारा दी जा रहे प्रोत्साहन और सब्सिडी का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल पर पंजीकरण से अन्य राज्यों से बिक्री के लिए लाई गई फसल पर भी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
श्री कौशल ने बताया कि किसान 7 सितंबर 2020 तक ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल fasal.haryana.gov.in पर पंजीकरण कर सकते हैं। इसके अलावा, किसी भी सहायता के लिए वे हेल्पलाइन नंबर 1800-180-2117 और 1800-180-2060 पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच संपर्क कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले के संबंधित कृषि विकास अधिकारी उसे सौंपे गए गांवों के संबंध में मुर्बा/खेवट/किला/क्षेत्र आदि की जानकारी डाउनलोड करके सत्यापन के लिए प्रिंट-आउट लेगा। फसल के नाम को छोडकऱ पहले से भरी जानकारी के साथ दिए गए टेम्पलेट में मुद्रित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संबंधित कृषि विकास अधिकारी या उसके प्रतिनिधि केवल ड्रॉप-डाउन विकल्प के माध्यम से विशेष खसरा संख्या में बोई गई फसल के नाम को सत्यापित करके पोर्टल पर भर देंगे। जमीन के मालिक के सत्यापन के लिए कोई विकल्प नहीं है। किसी भी स्तर पर यदि कोई कृषि विकास अधिकारी या उसका प्रतिनिधि या सहायक कर्मचारी किसी विशेष खसरा नंबर में मालिकों की सूची देखना चाहते हैं, तो वे खसरा नंबर पर क्लिक कर सकते हैं। एक पॉपअप विंडो है जिसमें उस विशेष खसरे के सभी भूमि मालिकों का विवरण होगा।
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