हरियाणा में 12 मेगा प्रोजेक्टस के बारे विस्तृत जानकारी देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि वर्ष 2016 से लेकर अब तक भारत तथा विदेशों के 7 बड़े बिजऩेस घरानों ने हरियाणा में 1759 करोड़ रुपये की बड़ी राशि का निवेश किया है
इतना ही नहीं, वर्ष 2020 और अगामी वर्ष 2021 में दो विदेशी कंपनियों सहित पांच और बहुराष्ट्रीय कंपनियां हरियाणा में 8094 करोड़ रुपये के निवेश के लिए तैयार है।
इस बैठक में बताया गया कि इस वर्ष हरियाणा में निवेश करने वाले बिजऩेस घरानों में गुरुटेक इंफ्रा अर्थ प्राइवेट लिमिटेड कंपनी शामिल है। यह कंपनी पंचकूला में 109 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसी प्रकार आरती ग्रीनटेक लिमिटेड द्वारा आईएमटी रोहतक में 151 करोड़ रुपये का,
अडानी विल्मर लिमिटेड द्वारा मुंडलाना, सोनीपत में 450 करोड़ रुपये का, वंडर सीमेंट लिमिटेड द्वारा झज्जर में 300 करोड़ रुपये का और एम्परेक्स टेक्नोलॉजी द्वारा आईएमटी सोहना में 7083 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
इसी दौरान गत चार वर्षों में सात कंपनियों ने हरियाणा में निवेश किया। इन कंपनियों की सूची में कैन पैक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का नूंह में 500 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है और कंपनी ने 160 लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध करवाए हैं।
पैनासोनिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने झज्जर में 95 करोड़ रुपये का निवेश किया और 184 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए।
इसी प्रकार, कांधारी बेवरेजिस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने अंबाला में 350 करोड़ रुपये का निवेश किया और 220 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाया। स्टारवायर (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने बल्लभगढ़,
फरीदाबाद में 235 करोड़ रुपये का निवेश किया और 1081 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए। इसके अतिरिक्त, एटोटेक डेवलपमेंट सेंटर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा गुरुग्राम में 301 करोड़ रुपये का निवेश किया और 108 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए।
मेसर्स एनरिच एग्रो फूड प्रोडक्ट्स ने आईएमटी रोहतक में 218 करोड़ रुपये का निवेश किया और 120 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए। कैप कोन्स ने प्रथम चरण में धारूहेड़ा, रेवाड़ी में 60 करोड़ रुपये का निवेश किया और 60 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) रैंकिंग में दो आयामों अर्थात सुधारों का कार्यान्वयन और उपयोगकर्ताओं की प्रतिपुष्टि पर विचार किया जाता है। पहले समझने वाली बात यह है कि भारत सरकार द्वारा जारी की गई
सूचना के अनुसार सुधारों के कार्यान्वयन पर हरियाणा ने अब तक शत प्रतिशत स्कोर प्राप्त किया है। यह वर्ष 2017 में सुधारों के कार्यान्वयन के 99.73 प्रतिशत स्कोर में सुधार दर्शाता है जब हरियाणा इस मामले में देश में तीसरे स्थान पर था।
उन्होंने कहा कि उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा प्रतिपुष्टि के आधार पर स्कोर अभी तक जारी नहीं किये गए हैं। वर्ष 2017 में फीडबैक के आधार पर हरियाणा का स्कोर 82.89 प्रतिशत था।
इस आंकड़े पर राज्य ने सुधार किया है या नहीं, यह केवल तभी पता चलेगा जब यह डाटा जारी किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि बहरहाल रैंक में आई गिरावट निश्चय ही यह दर्शाती है कि कुछ राज्यों ने अपने फीडबैक स्कोर में हरियाणा से अधिक सुधार किया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि सापेक्ष संख्या भी प्रतिक्रिया स्कोर पर एक पूर्ण गिरावट का संकेत देती है या नहीं इसका आंकलन करने के लिए हमें भी स्कोर के जारी होने की प्रतीक्षा करनी होगी।
चाहे जो हो, सभी विभाग सुनिश्चित करेंगे कि सुधारों के कार्यान्वयन में कोई कोताही न हो और राज्य सरकार के चल रहे सुधार अभियान में उपयोगकर्ताओं का बेहतर अनुभव हो ताकि ईओडीबी रैंकिंग में ही सुधार न हो, बल्कि ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स की रैंकिंग में भी सुधार हो।वहीं: राज्य सरकार का कहना है कि हरियाणा अभी भी निवेश के लिए पसंदीदा स्थान है।
पिछले वर्ष में, हरियाणा ने 68 बड़े और मध्यम में 7,500 करोड़ रुपये के कुल निवेश को आकर्षित किया और 3 लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार देने वाली 42,624 सूक्ष्म और लघु इकाइयां बनाईं। हरियाणा सरकार ने सोमवार को कहा कि हरियाणा राज्य में निवेश के लिए पसंदीदा जगह नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘पिछले एक साल में हरियाणा को मेगा निवेश श्रेणी (100 करोड़ रुपये से ऊपर का फिक्स्ड कैपिटल इनवेस्टमेंट) में छह हजार 600 करोड़ रुपये का निवेश और 9,100 लोगों को रोजगार मिला है।
राज्य ने 68 बड़ी और मध्यम और 42,624 सूक्ष्म और लघु इकाइयों में 3,500 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार देने के लिए 7,500 करोड़ रुपये के कुल निवेश को आकर्षित किया।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट, हरियाणा ने औद्योगिक उद्देश्यों के लिए निवेश के लिए चेंज ऑफ लैंड यूज (सीएलयू) के 187 मामलों को मंजूरी दी है, “राज्य सरकार ने एक बयान में कहा।
हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) ने औद्योगिक गतिविधियों के तहत 281 एकड़ भूमि लाने वाले उद्यमियों को 914 नंबर भूखंड आवंटित किए हैं और रुपये के निवेश को आकर्षित किया है।
600 करोड़ (लगभग)। हालाँकि, वर्ष 2020-21 के लिए, HSIIDC ने कुल 51 भूखंडों का आवंटन किया है, जिससे 7,500 करोड़ रुपये (लगभग) का निवेश आकर्षित हुआ है।
अरोड़ा ने कहा कि हरियाणा औद्योगिक निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में हमारी निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
हरियाणा में 12 मेगा प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी देते हुए, मुख्य सचिव ने कहा, “2016 के बाद से,
भारत और विदेश के सात बिजनेस टायकून ने हरियाणा में 1,759 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यही नहीं, 2020 तक और 2021 तक हरियाणा में 8,094 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए दो विदेशी कंपनियों सहित पांच और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को तैयार किया गया है।
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