सरकार द्वारा स्थानीय युवाओं को निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75% आरक्षण की चर्चा जोरों शोरों पर है ऐसे में सरकार द्वारा तैयार किया गया यह बिल आंध्र प्रदेश से पारित कर दिया गया है पहले राष्ट्रपति को राज्यपाल के द्वारा भेजा गया था
अब कैबिनेट में प्रस्ताव पास करके अध्यादेश वापस लिया जाएगा वहीं अब यह बिल विधानसभा सत्र में भी पेश किया जाएगा इस बिल के ड्राफ्ट को पहली बार सामने रखा जाएगा तो चलिए जानते हैं क्राफ्ट के कुछ खास बातें और खामियां साथ ही कोर्ट में चुनौती दी गई तो क्या हो सकता है?
नाम ‘The Haryana State Employment of Local Candidates Bill 2020’ है उद्देश्य- स्थानीय युवाओं को निजी क्षेत्र में 75% आरक्षण देना है। 50 हजार मासिक वेतन से कम वाली श्रेणी के रोजगार पर ही लागू। यह 10 साल के लिए नोटिफिकेशन के बाद लागू होगा। इसके बाद इसे बढ़ाया जा सकेगा।
यह बिल 10 या इससे ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थान पर लागू किया जाएगा। इसके दायरे में निजी कंपनी, संस्था, पार्टनरशिप फर्म, लिमिटेड फर्म और सोसायटी आदि आएंगे।
युवाओं को उद्योगों में काम के करने योग्य बनाने के लिए सरकार टेक्निकल-नाॅनटेक्निकल ट्रेनिंग दिलाएगी। कंपनियों से इसके लिए टाइअप भी किया जाएगा। ड्राफ्ट में इसे लाने का एक स्पष्ट कारण है। बताया गया है कि खेती की जमीन इंडस्ट्री की वजह से कम हो गई है जिससे कृषि में रोजगार के अवसर कम हो गए हैं।
सभी डिटेल्स पोर्टल पर रहेंगी, रजिस्ट्रेशन सबसे पहले जरूरी। एक पोर्टल बनाया जाएगा जिसके अंदर युवाओं और इंडस्ट्री को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जो भी युवा रजिस्ट्रेशन नहीं कराएंगे वो फायदा नहीं ले पाएंगे।
निजी क्षेत्र में 75% स्थानीय को नौकरी का ड्राफ्ट आंध्र प्रदेश से प्रेरित
किसी दूसरे जिले की कर्मचारी को रखने में नहीं होगी कोई सीमा
इंडस्ट्री के अंदर जिले की कोई भी सीमा नहीं होगी इंडस्ट्री किसी दूसरे जिले के कर्मचारी को भी रख सकता है। जैसे- जींद में पानीपत का युवक भी काम कर सकेगा।
व्यक्ति में नहीं है काबिलियत फर्म रखने के लिए नहीं होगी बाध्य
अगर कोई व्यक्ति नौकरी के लिए योग्य नहीं पाया जाता है तो फर्म उसे रखने के लिए बाध्य नहीं होगी, लेकिन अधिकारी प्रक्रिया पर नजर रखेगा।
जांच : पोर्टल पर इंडस्ट्री को तीन माह में रिपोर्ट अपलोड करनी होगी। फर्म में जाकर अधिकारी जांच कर सकेगा।
पेनाल्टी: जो भी नियमों का उल्लंघन करेगा उस पर पेनाल्टी का प्रावधान।
बदलाव: इसमें सरकार दो साल में बदलाव कर सकेगी।
खामियां और चुनौतियां
बिल में आरक्षण के आधार को परिभाषित नहीं किया गया है।
क्या है डोमिसाइल का अर्थ
ड्राफ्ट में स्थानीय को आधार बनाया गया है परंतु डोमिसाइल की परिभाषा नहीं बताई गई कि स्थानीय किसे माना जाए, 30 साल यहां गुजार चुके लोगों को या राज्य में जन्म लेने वालों को या 10-20 लोगों को। यह सब चीजें होनी जरूरी है।(Haryana Hindi News)
चीनी सेना का दावा – भारतीय सैनिकों ने एलएसी क्रॉस की
सुझावों पर अमल जरूरी
इसे लागू करना कोरोना के दौर में ठीक नहीं है।
वेतन श्रेणी को 50 से कम करके 20,000 की जाए।
इसकी अवधि 10 साल की बजाय 2 साल की जाए।
पोर्टल पर रोजगार देने वालों और चाहने वालों को जबरन न लाकर इसके लिए उन्हें प्रेरित करना चाहिए।
लोक सभा निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि सही प्रशिक्षण लेने के उपरांत कार्य…
मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी कर…
एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 14)…
श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में…
आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में दिन…
खट्टर सरकार ने आज राज्य के लिए आम बजट पेश किया इस दौरान सीएम मनोहर…