केंद्र सरकार ने देश के 500 शहरों का कायाकल्प करने के लिए शुरू की ये शानदार योजना अमृत मिशन के तहत 63 अमृत प्रोजेक्ट पुरे किये जा चुके हैं। अमृत का पूरा नाम अटल मिशन ऑफ़ रेजूवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफोर्मेशन (अमृत) है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2015 में अमृत मिशन लांच किया था। वित्त वर्ष 2015 से पांच साल के लिए अमृत मिशन पर 5000 करोड़ खर्च करने का लक्ष्य रखा गया था। अमृत मिशन का उद्देश्य देश के सभी शहरों में जलापूर्ति, साफ़-सफाई और सीवेज कनेक्शन प्रदान करना है।
अमृत मिशन के तहत सभी छोटे कस्बों और गावों में बुनियादी सुविधाएं जैसे- बिजली, पानी की सप्लाई, सीवर, कूड़ा प्रबंधन, वर्षा जल संचयन, ट्रांसपोर्ट, बच्चों के लिये पार्क, अच्छी सड़क और चारों तरफ हरियाली, आदि पहुंचाने का वादा किया गया।
जिसे कुछ हद्द तक पूरा भी किया गया है पर कोरोना के चलते केंद्र ने इस मिशन पर काम कुछ समय के लिए स्थगित किया गया था। इन सुविधाओं को विकसित करने के लिए अमृत मिशन की शुरुआत हुई थी और हरियाणा को 12वें पद की रैंक मिली तो जहां पंजाब को 23वे और चंडीगढ़ को दूसरे रैंक पर रखा गया।
अमृत मिशन में केंद्र सरकार 35,990 करोड़ रुपये दे रही है जबकि हर राज्य को अपने शहरों के हिसाब से बाकी रकम खर्च करनी है। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों से पता लगता है कि पिछले पांच साल में 7195 करोड़ रुपये की वैल्यू वाले सिर्फ 2316 प्रोजेक्ट पूरे हुए हैं। यह रकम कुल खर्च का 9.2 फीसदी है। हरियाणा में 2.3 लाख पानी के कनेक्शन लगाए गए और 1. 95 लाख LED स्ट्रीट लाइट लगवाई गयीं।
इसके साथ ही 64541 करोड़ रुपये के 2962 प्रोजेक्ट के कॉन्ट्रेक्ट दिए जा चुके हैं और इन पर काम चल रहा है. मोदी सरकार ने जून 2015 और दिसंबर 2019 के बीच 46 फीसदी वाटर कनेक्शन और 28.3 फीसदी सीवर कनेक्शन का लक्ष्य हासिल कर लिया है. मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अमृत मिशन का लक्ष्य दो साल आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है।
इसके साथ ही 64541 करोड़ रुपये के 2962 प्रोजेक्ट के कॉन्ट्रेक्ट दिए जा चुके हैं और इन पर काम चल रहा है. मोदी सरकार ने जून 2015 और दिसंबर 2019 के बीच 46 फीसदी वाटर कनेक्शन और 28.3 फीसदी सीवर कनेक्शन का लक्ष्य हासिल कर लिया है। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अमृत मिशन का लक्ष्य दो साल आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है
मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, “अमृत मिशन में वाटर और सीवर के बड़े प्रोजेक्ट हैं. इन्हें पूरा करने में कई साल लगते हैं। केंद्र या राज्य सरकार ने पहली बार इतने बड़े पैमाने पर इस तरह के बदलाव की शुरुआत की है, इसके लिए और समय दिया ही जाना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि अमृत मिशन का काम पूरा होने में तीन साल और लग सकते हैं। “
WRITTEN BY MITASHA BANGA
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