मां अन्नपूर्णा को प्रसन्न करने के लिए क्या करें क्या ना करें। अगर आप भोजने करते हैं तो अन्नपूर्णा मां भोजन में ही विराजमान होती है। इसिलिए कहा जाता है कि कभी भी अन्न का अनादर ना करें। क्योंकि कहा जाता है कि इंसान या फिर जानवर सभी अन्न के कीड़े कहे जाते हैं। अगर हमें भरपूर अन्न मिले तो ही हम भरपेट भोजन कर पाते हैं और स्वस्थ रहते हैं।
इसी के ठीक विपरित कई बार देखा गया है कि हम अन्न के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं और कहते हैं कि हम तो इंसान से तो सही बात करते हैं, अन्न क्या कोई इंसान है जो उसका आदर, अनादर हो, क्या अन्न कोई इंसान हो जो उसकी इजज़त और बेइजज़ती हो। लेकिन यही लोग इस बात को भूल जाते हैं कि अगर इंसान को अन्न ना मिले तो वो खाने के लिए मोहताज हो जाएगा, इसलिए हमें हमेशा अन्न का आदर करना चाहिए।
बतादें कि भूलकर भी आपको इस तरह से भोजन नहीं करना चाहिए, वरना मां अन्नपूर्णा नाराज़ होने लगती हैं और साथ ही अन्न की कमी भी होनी शुरू हो जाती है। मां अन्नापूर्णा को अन्न की देवी का दर्जा दिया गया है। शास्त्रों के अनुसार मां अन्नअपूर्णा की कृपा जिस घर पर होती है, वहां पर कभी भी अन्न व धन की कमी नहीं आती है।
इसलिए ये बेहद ही जरूरी है कि मां अन्नकपूर्णा का आशीर्वाद आपके ऊपर बना रहे। मां अन्नकपूर्णा अन्न में विराजमान होती है, इसलिए आप अन्न की पूजा किया करें।
आप जब भी खाना खाएं तो उससे पहले हाथ जोड़कर पूजा करें और उसके बाद ही भोजन खाना शुरू करें। रोज पहली रोटी गाय के लिए बनाएं और उसके बाद ही अपने लिए खाना तैयार करें। गाय को रोटी खिलाने से भी मां अन्नजपूर्णा का आशीर्वाद मिलता है।
ऊपर बताए गए उपायों को करने से मां अन्न।पूर्णा की कृपा आप पर बन जाएगी और घर में कभी भी अनाज की कमी नहीं होगी। वहीं मां अन्नरपूर्णा आप से नाराज ना हों, इसके लिए नीचे बताई गईं गलतियों को भी करने से आपको बचना चाहिए। मां अन्नरपूर्णा उन्हीं के घर में विराजमान होती हैं।
जहां पर सफाई है इसलिए आप अपने घर की सफाई का खासा ध्यान रखें। साथ में ही रसोई घर को भूलकर भी गंदा ना करें। रसोई घर में गंदा होने से मां क्रोधित हो जाती हैं और घर में अन्न कम होने लग जाता है। बतादें कि कभी भी बेड पर बैठकर खाना ना खाएं। ऐसा करने से मां अन्न पूर्णा के साथ-साथ राहु अप्रसन्नू हो जाते हैं।
शास्त्रों के अनुसार बेड पर खाना रखने से अन्नअ का अपमान होता है। इसलिए आप कभी भी बेड पर बैठ कर खाना नहीं खाएं। भोजन को हमेशा जमीन पर बैठ कर ही खाना उत्तम माना जाता है। कई लोग भोजन की थाली में अधिक खाना ले लेते हैं और इसे खत्म नहीं कर पाते हैं। जिसकी वजह से ये खाना बेकार हो जाता है और उसका कोई उपयोग नहीं रह जाता है।
कभी भी अपना झूठा भोजन किसी को ना खिलाएं। जब भी आप किसी को भोजन दें तो एकदम साफ भोजन ही परोसें। खाना खाने के बाद कई लोग थाली के अंदर ही हाथ धो लेते हैं। जो कि सही नहीं माना जाता है। थाली के अंदर हाथ धोने से चंद्र और शुक्र क्रोधित हो जाते हैं।
कभी भी बचा हुआ खाना ना फेंके। दरअसल कई लोग अधिक खाना बनने पर उसे फेंक देते हैं, जो कि सही नहीं माना जाता है। अधिक खाना बनने पर उसे किसी गरीब को या फिर किसी जानवर को खाने के लिए दे दें। ऐसा करने से हमारे पास धन-धान्य की कभी भी कमी नहीं होगी और नाहीं मां अन्नपूर्णा नाराज़ होगी।
आप भी हमेशा स्वस्थ और प्रसन्न रहेंगे। आपको उपरोक्त बताए गए कामों को ज़रूर करना चाहिए।शास्त्रों के अनुसार बेड पर खाना रखने से अन्नअ का अपमान होता है। इसलिए आप कभी भी बेड पर बैठ कर खाना नहीं खाएं। भोजन को हमेशा जमीन पर बैठ कर ही खाना उत्तम माना जाता है।
कई लोग भोजन की थाली में अधिक खाना ले लेते हैं और इसे खत्म नहीं कर पाते हैं। जिसकी वजह से ये खाना बेकार हो जाता है और उसका कोई उपयोग नहीं रह जाता है। कभी भी अपना झूठा भोजन किसी को ना खिलाएं।
जब भी आप किसी को भोजन दें तो एकदम साफ भोजन ही परोसें। खाना खाने के बाद कई लोग थाली के अंदर ही हाथ धो लेते हैं। जो कि सही नहीं माना जाता है। थाली के अंदर हाथ धोने से चंद्र और शुक्र क्रोधित हो जाते हैं। कभी भी बचा हुआ खाना ना फेंके।
दरअसल कई लोग अधिक खाना बनने पर उसे फेंक देते हैं, जो कि सही नहीं माना जाता है। अधिक खाना बनने पर उसे किसी गरीब को या फिर किसी जानवर को खाने के लिए दे दें। ऐसा करने से हमारे पास धन-धान्य की कभी भी कमी नहीं होगी और नाहीं मां अन्नपूर्णा नाराज़ होगी। आप भी हमेशा स्वस्थ और प्रसन्न रहेंगे। आपको उपरोक्त बताए गए कामों को ज़रूर करना चाहिए।
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