बच्चे मन के सच्चे यह बात सभी जानते हैं लेकिन, कभी – कभी बच्चे ऐसा काम कर देते हैं जिस से दिल की धड़कने भी रुक जाती हैं। ऐसा ही मामला आगरा-नई दिल्ली रेलवे ट्रैक पर देखने को मिला जहां लोको पायलट की सूझबूझ से एक मासूम की जान बाल-बाल बची। ऐसा कहा जा रहा है कि मासूम को किशोर भाई ने खेल-खेल में रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था।
भगवान स्वयं नहीं आते किसी न किसी रूप में आते हैं और लोको पायलट भगवान की तरह ही सामने आये हैं। उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका और बच्चे को सकुशल उसकी मां को सौंप दिया। घटना का वीडियो वायरल होने पर लोको पायलट की रेलवे मंडल में प्रशंसा हो रही है।
भारत में अनेकों चमत्कार होते हैं, जिस जगह घटना हुई वहां पर लोगों ने इसे एक चमत्कार बताया। जाको राखे साईंयां मार सके न कोय।’ यह कहावत एक बार फिर चरितार्थ हो गई। ख़बरों के मुताबिक दिल्ली आ रही मालगाड़ी ने बल्लभगढ़ स्टेशन पार किया ही था कि ट्रैक के समीप खेल रहे किशोर ने दो साल के बच्चे को ट्रेन के आगे फेंक दिया।
पहचान फरीदाबाद अपने पाठकों के लिए नई – नई ख़बरें लेकर आता रहता है। इस खबर को सुन कर सभी खुश भी हैं और दुखी भी। मालगाड़ी के लोको पायलट घटनाक्रम देखकर हड़बड़ा गए। तत्काल संतुलन बनाते हुए ट्रेन के इमरजेंसी ब्रेक लगाए। मालगाड़ी रुकी। लोको पायलट-असिस्टेंट लोको पायलट कूदकर गाड़ी से उतरे। बच्चे को इंजन के पहियों के बीच फंसा देखकर उनकी भी जान एकबारगी हलक में अटक गई। हालांकि बच्चे को सकुशल देख उन्हें सुकून आया।