जिले में लगातार प्रदूषण स्तर बढ़ता जा रहा है। वायु प्रदूषण हो ध्वनि प्रदूषण सभी जानते हैं कि यह सेहत के लिए हानिकारक है। हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब में पराली जलना शुरू हो गई है। वायु प्रदूषण के स्तर में आंशिक गिरावट भी आने लगी है। यह स्थिति आने वाले दिनों में चिंताजनक ना हो, इसके मददेनजर पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण सख्ती का रवैया अपना लिया है।
एक तरफ जहां भारत कोरोना से लड़ रहा है, वहीँ दूसरी तरफ प्रदूषण चिंता का विषय बना हुआ है। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण ने पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर आगाह भी कर दिया है एवं उन्हें सख्त कदम उठाने के निर्देश भी दिए हैं।
जो पत्र लिखा गया है उसमें फरीदाबाद का भी नाम शामिल है। दरअसल, पत्र में ईपीसीए अध्यक्ष भूरेलाल ने पंजाब एवं हरियाणा के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आगाह किया है कि सफर इंडिया और नासा द्वारा मिली जानकारी व आंकड़ों के अनुसार 20 सितंबर को 20 और 21 सितंबर को 42 स्थानों पर पंजाब में पराली जलाई गई। जबकि 15 तारीख को पराली जलाने की कोई घटना नहीं थी। यानि अब पराली जलना शुरू हो चुका है।
जाड़े का मौसम आते ही आसमान में धुंध सी दिखाई देने लगती है, यह धुंध नहीं बल्कि प्रदूषण होता है। पिछले वर्ष दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली का धुआं 44 फीसद तक शामिल था। भूरेलाल ने पत्र में कहा कि अभी हवा की गति तेज है जिससे धुआं फैल रहा है व दिल्ली पर असर थोड़ा कम है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इस पर तुरंत रोक लगाना जाना जरूरी है।