तीन बिल में जो गलती की, उसे चौथे बिल में सुधारे बीजेपी सरकार : भूपेंद्र सिंह हुड्डा

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केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए लाए गए तीन अध्यादेश ने तो मानो उफान लाकर खड़ा कर दिया है। इधर किसानों का आंदोलन दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है, तो दूसरी ओर विपक्ष के नेता इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे।

इस पूरे प्रकरण पर अपनी राय रखते हुए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार को अपनी गलतियां सुधारने के लिए चौथा बिल लाना चाहिए।

भूपेंद्र सिंह डुड्डा ने कहा, चौथे बिल में एमएसपी को सुप्रीम माना जाए। एमएसपी के नीचे फसल की खरीद-फरोख्त करने वाले बिचौलियों पर आपराधिक धाराएं लगनी चाहिए। बिना चौथा बिल लाए और एमएसपी को अनिवार्य बनाए बगैर मौजूदा रूप में यह बिल किसान विरोधी है।

कांग्रेस ने अपनी मेनिफेस्टो में कभी नहीं किया एमएससी को रद्द

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, ‘कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में कभी एमएससी को रद्द करने की बात नहीं की बल्कि उसको और निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने की बात है। रवि शंकर प्रसाद हरियाणा का उदाहरण दे रहे हैं कि 2007 में हरियाणा ने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग शुरू की थी यह सही है पर उसमें एक प्लॉट नंबर 6 है. कॉन्ट्रेक्टर प्रोड्यूसर के बीच कॉन्ट्रैक्ट होगा जो जिला के इंचार्ज सरकारी अधिकारी के पास रजिस्टर होगा जिसमें एमएसपी देना अनिवार्य है।

बिग प्लेयर के चक्कर में लूट जाएगा देश का किसान

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आगे कहा, ‘खरीदने वाले को लगभग 15 परसेंट कुल फसल का रेट पहले ही जमा करना चाहिए या मिनिमम सपोर्ट प्राइस का 15% पहले ही जमा करना पड़ेगा या फिर बैंक गारंटी देनी होगी। जहां पर मिनिमम सपोर्ट प्राइस नहीं है।सिक्योरिटी का अमाउंट 15% मौजूदा मार्केट रेट के अनुसार होगा।

यानी कि मिनिमम सपोर्ट प्राइस गारंटी थी उससे नीचे खरीद-फरोख्त नहीं होती थी और उसके लिए भी बैंक गारंटी 15 परसेंट देनी पड़ेगी पहले ही। एपीएमसी मार्केट के अंदर जहां प्राइवेट लोग आ रहे हैं, उनको भी एमएसपी का पालन करना पड़ेगा और आश्वासन देना भी अनिवार्य होना चाहिए, 15 पर्सेंट सिक्योरिटी देना भी अनिवार्य होना चाहिए. वरना बिग प्लयेर को फायदा होगा और किसान लुट जाएगा।