बर्खास्त पीटीआई शिक्षकों ने नौकरी बहाली की मांग को लेकर किया धरना प्रदर्शन

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बर्खास्त पीटीआई शिक्षकों ने अपने को निर्दोष बताते हुए नौकरी बहाली की मांग को लेकर शनिवार को कैबिनेट मंत्री प. मूलचंद शर्मा के सेक्टर 8 कार्यालय पर आक्रोश प्रदर्शन किया। शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के प्रधान धर्मेन्द्र पहलवान, एसकेएस के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री के नेतृत्व में 11 सदस्यीय शिष्टमंडल ने कैबिनेट मंत्री प. मूलचंद शर्मा से मुलाकात की और नोकरी बहाली की मांग का ज्ञापन सौंपा।

मंत्री ने पीटीआई शिक्षकों प्रदर्शनकारियों के बीच आकर आश्वासन दिया की सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए बर्खास्त पीटीआई को भी रिक्त पदों पर एडजस्ट करने का प्रयास करेगी। प्रर्दशन में पलवल, नूंह, गुरुग्राम व फरीदाबाद जिलों के बर्खास्त पीटीआई शामिल थे।

बर्खास्त पीटीआई शिक्षकों ने नौकरी बहाली की मांग को लेकर किया धरना प्रदर्शन

प्रर्दशन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ व आशा वर्करों ने शामिल होकर नोकरी बहाली की मांग का समर्थन करते हुए आंदोलन के साथ एकजुटता प्रकट की। बर्खास्त पीटीआई प्रर्दशन से पहले ओपन एयर थियेटर सेक्टर 12 में एकत्रित हुए।

पीटीआई शिक्षकों का प्रदर्शन

वहां से नोकरी बहाली की मांग के समर्थन में जूलूस की शक्ल में प्रर्दशन करते हुए कैबिनेट मंत्री के सेक्टर 8 स्थित कार्यालय पर पहुंचे। पीटीआई का आक्रोश देखते ही बन रहा था। किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कार्यालय पर भारी पुलिस बल तैनात रहा।

बर्खास्त पीटीआई शिक्षकों ने नौकरी बहाली की मांग को लेकर किया धरना प्रदर्शन

प्रर्दशन का नेतृत्व शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के संयोजक धर्मेन्द्र पहलवान, जिले के नेता बृजेश नागर,रामधन , पुष्पलता और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला प्रधान अशोक कुमार व सचिव बलबीर सिंह बाल गुहेर,अध्यापक नेता राजसिंह व भीम सिंह आदि कर रहे थे।

प्रर्दशनकारी पीटीआई को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि सरकार की नीयत साफ हो तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी लागू हो सकता है और बर्खास्त किए गए पीटीआई की नोकरी भी बहाल की जा सकती हैं।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार नई भर्ती के बावजूद पीटीआई की 1612 पोस्ट खाली पड़ी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली व पंजाब की तरह प्राथमिक विद्यालयों में भी पीटीआई की पोस्ट को स्वीकृत किया जा सकता है।

बर्खास्त पीटीआई शिक्षकों ने नौकरी बहाली की मांग को लेकर किया धरना प्रदर्शन

उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री व कैबिनेट मंत्री प.मूलचंद शर्मा से इस संवेदनशील मामले में गंभीरता से हस्तक्षेप कर 1983 बर्खास्त पीटीआई के करीब दस हजार परिजनों को आर्थिक तबाही से बचाने की अपील की है।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने अपने संबोधन में कहा कि बर्खास्त 1983 पीटीआई को निर्दोष बताते हुए सरकार से अविलंब उनकी सेवाएं बहाल करने के सभी विकल्पों पर गंभीरता से विचार-विमर्श करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि 8 अप्रैल को माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद शिक्षा विभाग ने 1 व 2 जून को दस साल की सेवा उपरांत 1983 पीटीआई को बिना किसी पूर्व नोटिस के सेवा बर्खास्त कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बर्खास्त किए गए पीटीआई को कहीं भी दोषी नही ठहराया गया है।

बर्खास्त पीटीआई के सामने पैदा हुआ आर्थिक संकट

शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के संयोजक धर्मेन्द्र पहलवान, रामधन व संतोष चपराना ने कहा कि 1983 बर्खास्त पीटीआई को 4 महीने से वेतन न मिलने से उनके सामने भारी आर्थिक संकट पैदा हो गया है। बर्खास्त पीटीआई के स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की फीस जमा न होने से नाम कटने की नौबत आ गई है और दुकानदारों ने राशन देने में आनाकानी करना शुरू कर दिया है।

उन्होंने बताया कि सरकारी नौकरी होने के कारण अधिकांश बर्खास्त पीटीआई ने सरकारी व प्राईवेट बैंकों से 20 से 50 लाख तक का कर्ज लिया हुआ है। जिसकी किस्तें बंद होने से एक भीषण संकट पैदा हो गया है। बैंक वाले किस्त भरने का दबाव बनाने लगे हैं।

उन्होंने बताया कि बर्खास्त पीटीआई किस्त भरने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने बताया कि सरकार ने नौकरी के दौरान अकाल मृत्यु का शिकार हुए 38 बर्खास्त पीटीआई की विधवाओं को मिलने वाली मासिक वित्तीय सहायता भी बंद कर दी है, जिसके कारण उनके सामने भूखा मरने की नौबत आ गई है।

उन्होंने बताया कि इन बर्खास्त पीटीआई में 25 पीटीआई विधवा हो चुकी है। 67 पीटीआई दुसरे विभागों जैसे पुलिस, रेलवे पुलिस,नेवी आदि से नौकरी छोड़ कर आए हुए हैं। 57 एक्स सर्विसमेन है,

जिसमें दिलबाग जाखड़ तो शौर्य चक्र विजेता भी है। 34 जानलेवा बीमारी से ग्रस्त हैं। उन्होंने बताया कि 1983 में 80 प्रतिशत की आयु 45 से 55 के बीच है। उन्होंने कहा कि उम्र के इस पड़ाव में यह बर्खास्त पीटीआई कुछ नया काम करने की स्थिति में भी नही है।

प्रर्दशन को गुरुगाम से पवन कुमार,मेवात से टेकचंद, नूंह से टेकचंद व ललित,पलवल से जोगेन्दर व प्रताप सिंह और फरीदाबाद जिले से बृजेश नागर, संतोष चपराना, पुष्पलता व रामधन आदि ने संबोधित किया।