नमामि गंगे प्रोजेक्ट से गंगा को कोई लाभ नहीं मिलने वाला- विपक्ष

राष्ट्रीय नदी गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के किये लगातार काम किया जा रहा है। गंगा में दूषित पानी न गिरे इसके लिए मास्टर प्लान भी तैयार किया गया है। मोदी सरकार ने गंगा को साफ करने के लिए नमामि गंगे का प्रोजेक्ट शुरू किया।

जिसमें गंगा के उद्गम स्थल से लेकर गंगा सागर तक गंगा को साफ करने के लिए एसटीपी बनाने का काम शुरू किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखण्ड में 521 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं के शुरू होने से उत्तराखण्ड से अब प्रतिदिन 15.2 करोड़ लीटर दूषित पानी गंगा नदी में नहीं बहेगा।

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भारत में गंगा नदी को हमेशा से ही मां का दर्जा दिया गया है। कहा जाता है कि गंगा स्नान मात्र से सारे पाप धुल जाते हैं। गंगा का धार्मिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी है। इसका जल अपनी शुद्धता और पवित्रता को लम्बे समय तक बनाये रखता है।

गंगा नदी के किनारे बसे शहरों में कारखानों के कारण दूषित पानी लगातार गंगा में गिर रहा है। जिससे गंगा का पवित्र पानी मैला होता जा रहा है। यही वजह है कि गंगा का अस्तित्व खतरे में है। इसी खतरे को बचाने के लिए नमामि गंगे मिशन की शुरुआत की गई है।

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नमामि गंगे मिशन नई सोच और नई एप्रोच के साथ शुरू किया गया। साथ ही गंगा की सहायक नदियों को भी प्रदूषण से मुक्त रखने का काम किया जा रहा है।

  • जगजीतपुर, हरिद्वार में 230 करोड़ रूपये की लागत से बनाये गए है। 68 एमएलडी क्षमता का एसटीपी
  • 20 करोड़ की लागत से बना 27 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी
  • सराय हरिद्वार में 13 करोड़ की लागत से बना 18 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी
  • चंडी घाट हरिद्वार में गंगा के संरक्षण और जैव विविधता को प्रदर्शित करता ‘गंगा संग्रहालय’ लक्कड़ घाट
  • ऋषिकेश में 158 करोड़ की लागत से बना 26 एमएलडी क्षमता का एसटीपी
  • चंद्रेश्वर नगर-मुनि की रेती में 41 करोड़ की लागत से बना 7.5 एमएलडी क्षमता का एसटीपी
  • चोरपानी, मुनि की रेती में 39 करोड़ की लागत से बना 5 एमएलडी क्षमता का एसटीपी
  • बद्रीनाथ में 19 करोड़ की लागत से बना 1.01 एमएलडी क्षमता का एसटीपी
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गंगा सफाई का अभियान मोदी सरकार के लिए शुरुआत से ही काफी अहम रहा है। गंगा की सफाई के लिए पीएम ने अलग मंत्रालय भी बनाया था। सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के चिन्हित 16 नगरों हेतु स्वीकृत 19 योजनाओं में से 15 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। बाकी कुम्भ से पहले पूरी हो जाएंगी

सरकार गंगा की सफाई के लिए कितने भी प्रयास कर ले लेकिन विपक्ष को ये परियोजनाएं सिर्फ बजट की बंदरबांट ही नजर आ रही है। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना की मानें तो पीएम के इस प्रोजेक्ट से गंगा को कोई लाभ नहीं मिलने वाला।

बहरहाल गंगा को साफ करने के लिए सरकार और सिस्टम जरूर काम कर रही है लेकिन गंगा तभी साफ होगी जब आम जनता इस बात का प्रण लेगी कि वह गंगा को दूषित नहीं करेगी ना ही उसमें दूषित पानी बल्कि कूड़ा कचरा डालेगा तभी गंगा सही मायने में स्वच्छ और निर्मल हो पाएगी।

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