हाथरस में 14 सितंबर को हुआ सामूहिक दुष्कर्म मामला दिन प्रतिदिन तूल पकड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। हर कोई 14 सितंबर को हुए दुष्कर्म मामले में पीड़ित युवती के लिए न्याय की गुहार लगा रहा है। ऐसे में इस मामले में एक चौका देने वाला खुलासा हुआ है
और बताया जा रहा है कि अभी तक एफ़एसएल की जांच में रेप की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं 5 वैज्ञानिकों की टीम ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट पेस की है।
वहीं, एडीजी (ADG) लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि पीड़िता की मौत गले में लगी चोट से हुई है। यहां तक की फॉरेंसिक जांच में भी स्पर्म नहीं मिला है।
इससे यह तो स्पष्ट हो ही जाता है कि कुछ लोगों ने जान बूझकर मामले को ट्विस्ट देकर जाति वादी और तनाव फैलाने का काम किया है। ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा चाहिए।
उक्त मामले में 47 महिला वरिष्ठ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और कोलेजियम के सदस्य जजों को पत्र लिखकर मामले में स्वत: संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने पत्र में हाईकोर्ट की निगरानी में इस घटना की जांच और मुकदमे की सुनवाई का आग्रह किया है।
तमाम महिलाओं द्वारा लिखे गए इस पत्र का एक यही मतलब है कि सभी आरोपियों के लिए यथासंभव तत्परता से कठोरतम सजा सुनिश्चित की जाए।
47 महिला वकीलों द्वारा लिखे गए पत्र में मांग की गई है कि हाथरस में लापरवाही बरतने वाले सभी पुलिसकर्मियों और प्रशासन के कर्मचारियों के साथ ही मेडिकल अधिकारियों, जिन्होंने तथ्यों और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया हो,
उनके खिलाफ तत्काल जांच कराई जाए। उन्हें सस्पेंड करने के साथ ही उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी आग्रह किया है।
इतना ही नहीं इस मामले के बाद से जहां एक तरफ पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है वहीं कांग्रेस सरकार भी सड़कों पर उतर दलित पीड़ित को न्याय दिलाने में जुटी हुई है
इसी कड़ी में पीड़ित परिवार से मिलने के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी गुरुवार को हाथरस के लिए रवाना हुए ही थे, की यमुना एक्सप्रेसवे पर पुलिस ने उन्हें रोका तो दोनों अपनी गाड़ी से उतरकर पैदल की हाथरस के कारण निकल पड़े।
इसी बीच राहुल गांधी अचानक गिर पड़े। उन्हें सुरक्षा में जवानों ने उठाया। वही राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें धक्का दिया और लाठी भी मारी। जानकारी के मुताबिक, दोनों को हिरासत में ले लिया गया है,
तो वहीं बीजेपी का कहना है कि सियासी रोटी सेंकने के लिए कांग्रेस सड़क पर ड्रामा कर रही है। जब धारा-144 लागू है तो कानून का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं।
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