दुष्यंत चौटाला ने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दिए, यह सख्त निर्देश

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    हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने राज्य के सभी जिलों में नियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) को निर्देश दिए हैं कि वे आगामी दो माह के अंदर मनरेगा के तहत किए जाने वाले अपने-अपनेे कार्यों के लक्ष्य को हर हाल में पूरा करें। उन्होंने जहां अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों की पीठ थपथपाई वहीं ढि़लाई बरतने वाले अधिकारियों से जवाब-तलबी भी की।

    डिप्टी सीएम, जिनके पास ग्रामीण विकास का प्रभार भी है, आज हरियाणा सिविल सचिवालय चंडीगढ़ में विभिन्न विभागों के माध्यम से मनरेगा के तहत किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

    इस अवसर पर वीडियो कान्फ्रैंसिंग के माध्यम से जिलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी जुड़े हुए थे। उपमुख्यमंत्री को बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में करीब 6 लाख मनरेगा के जॉब-कार्ड बने हुए हैं। इस बार 30 सितंबर 2020 तक 4.80 लाख जॉब-कार्डधारकों को मनरेगा स्कीम के तहत रोजगार दिया गया जबकि पिछले वर्ष 31 मार्च 2020 तक मात्र 3.64 लाख लोगों को ही काम मिला था। पहली बार 4 लाख से ज्यादा लोगों को काम दिया गया है और वह भी मात्र 6 महीने में।

    डिप्टी सीएम को यह भी जानकारी दी गई कि मनरेगा के तहत इस वर्ष 1200 करोड़ रूपए के कार्य करवाए जाने का लक्ष्य रखा है, अभी तक केवल 6 माह में 300 करोड़ रूपए खर्च किए गए हैं जबकि पिछली बार पूरे वर्ष में 387 करोड़ रूपए खर्च किए गए थे।

    श्री दुष्यंत चौटाला ने जिला के सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जिलों के बकाया कार्यों की स्वीकृति की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर अगले 10 दिनों में मुख्यालय को भेजें। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों व पंचायतों के साथ तालमेल बनाकर ग्रामीण क्षेत्र में अधिक से अधिक कार्य मनरेगा के तहत करवाएं। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से मिलकर अपने-अपने क्षेत्र में नर्सरी व पौधारोपण जैसे कार्यों पर फोकस करने के भी निर्देश दिए।

    डिप्टी सीएम ने कहा कि अगर कोई जॉब-कार्डधारक मनरेगा के तहत कार्य मांगने के लिए आवेदन करता है और संबंधित विभाग नियमानुसार समयावधि में कार्य देने में असफल रहता है तो विभाग को उस आवेदक को बिना कार्य किए घर बैठे ही भुगतान करना होगा।

    इस अवसर पर हरियाणा के लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें)विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम, हरियाणा के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह, हरियाणा विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल, हरियाणा पशुपालन एवं डेयरी विभाग के प्रधान सचिव श्री राजाशेखर वुंडरू, ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक श्री हरदीप सिंह समेत अनेक वरिष्ठï अधिकारी उपस्थित थे।