हरियाणा के तीन राज्यो के बाद अब गुरुग्राम और फरीदाबाद के बीच नई दिल्ली से मेट्रो कंटेक्टिविटी होगी। जिसके लिए राज्य सरकार ने इसके लिए विस्तृत परियोजना तैयार (डीपीआर) तैयार कर ली है।
जिसके बाद इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। बता दें कि यह सरकार द्वारा बनाई गई परियोजना है तो ऐसे में इसका खर्चा भी सरकार को ही वहन करना होगा। बावजूद केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से आर्थिक मदद लेने की कोशिश रहेगी।
दिल्ली से गुरुग्राम, बहादुरगढ़ (झज्जर) और फरीदाबाद तक मेट्रो कनेक्टिविटी हो चुकी है। वहीं फरीदाबाद से बल्लभगढ़ तक मेट्रो पर काम चल रहा है। सरकार नई दिल्ली से सोनीपत के कुंडली तक भी मेट्रो विस्तार को मंजूरी दे चुकी है।
आने वाले समय में नई दिल्ली से बादली के बाढ़सा तक भी मेट्रो लाने की योजना है। बाढ़सा में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट शुरू हो चुका है। एम्स का कैम्पस भी यहां बनाया जा रहा है। दिल्ली एम्स के 11 सेंटर यहां बनने हैं।
सीएम मनोहर लाल खट्टर सड़क व रेल के अलावा मेट्रो परियोजनाओं को लेकर लगातार केंद्र सरकार से संपर्क बनाए हुए हैं। कई केंद्रीय नेताओं से भी वे परियोजनाओं को लेकर मिलते रहे हैं। दो नई रेल लाइनों की रिपोर्ट तैयार करके भी राज्य सरकार ने हाल ही में केंद्र को भेजी है।
हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड नाम से सरकार ने रेल परियोजनाओं के लिए अलग से कंपनी बनाई है। केंद्रीय रेल मंत्रालय के सहयोग से यह कंपनी बनी है। इसके तहत हरियाणा में सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विभिन्न रेलवे प्रोजेक्ट शुरू होंगे। मानवरहित रेलवे फाटकों को बंद करने पर कार्य चल रहा है और जहां-जहां आवश्यकता है, वहां पर रेलवे ऊपरगामी पुलों या रेलवे अंडरपास (आरयूबी) का निर्माण करवाया जा रहा है।
यहां बता दें कि पिछले माह पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गठित आर्थिक मामलों की केंद्रीय कैबिनेट कमेटी ने 5617 करोड़ 69 लाख रुपये की अनुमानित लागत वाली पलवल से सोनीपत तक हरियाणा ऑर्बिट रेल कॉरिडोर की परियोजना को मंजूर किया था। 121.742 किलोमीटर लंबी इस दोहरी विद्युतीकृत ब्रॉड गेज लाइन को पांच वर्षों में पूरा किया जाएगा।
अब रेल कंपनी ने कैथल शहर में रोहतक की तर्ज पर 191.73 करोड़ रुपये की लागत से एलिवेटिड रेलवे ब्रिज का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है।
झज्जर-नारनौल वाया कोसली व कनीना तक की नई रेल का प्रस्ताव भी केंद्र को भेजा है। झज्जर से नारनौल के लिए सीधी रेल कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी तो इससे दक्षिण हरियाणा में विकास के नए युग का सूत्रपात होगा। 85 किलोमीटर लम्बी यह रेलवे लाइन उत्तर व दक्षिण हरियाणा को जोड़ेगी तथा पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और नांगल-चौधरी में बन रहे एकीकृत मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक हब को भी जोड़ेगी।
रोहतक के बाद कैथल ऐसा दूसरा शहर होगा जहां पर एलिवेटेड रेलवे ट्रैक का निर्माण कराया जाएगा। 135 किलोमीटर लम्बे कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे के छह मार्गीय बनने के बाद इस मार्ग के दो किमी की परिधि के अंदर पंचग्राम नाम से पांच नए शहर विकसित किए जाएंगे। सोनीपत, झज्जर, गुरुग्राम, पलवल व मेवात जिलो में केएमपी के दोनों ओर ये शहर बसेंगे। इसके लिए सरकार ने पंचग्राम डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन भी किया है।
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