उत्सवों की बौछार होते ही बाजारों में मिलावट की सुधबुगाहट भी दिखाई देने लगती हैं। त्योहारों का सीजन देखते हुए मिठाई की दुकानों पर शिकंजा कसने के लिए अधिकारियों ने कमर कस ली है।
ऐसे वक्त में मिठाई में मिलावट करने वालों की खैर नहीं है। दिवाली के नजदीक आते ही मिठाई की दुकान में मिलावट का सिलसिला शुरू हो जाता है मिलावट खोर मिठाइयों में मिलावट कर मुनाफा कमाने में जुट जाते है।
ऐसे में इस बार फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया की नई गाइडलाइन अनुसार अब हर मिठाई विक्रेता को दुकान के अंदर रखी सभी मिठाइयों के साथ एक्सपायरी डेट लिखनी होगी।
इस नियम से लोगों तक बासी मिठाई नहीं पहुंचेगी और वह स्वस्थ बने रहेंगे। लेकिन शहर में चुनिंदा दुकानों को छोड़कर किसी में भी मिठाइयों के बनने की डेट और एक्सपायरी डेट नहीं लिखी गई है।
फेस्टिवल के समय अधिकांश लोग परिवार, घर और अन्य रिश्तेदारों के लिए दुकानदारों से मिठाई खरीदना पसंद करते हैं। इसी के चलते दुकानदार भी मिलावट कर मिठाइयों की बिक्री करने में जुट जाते हैं।
परंतु बासी मिठाइयां खा कर मिलावट वाली मिठाइयां खा कर तबीयत खराब हो जाती है। जिसके चलते इस बार अधिकारियों ने नए नियम के तहत मिठाई बेचने वाली दुकानों पर बासी मिठाइयां बेचने वालों पर करीब 2 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
इसके लिए जल्द ही खाद्य सुरक्षा विभाग जिले में अभियान चलाकर इन मिठाइयों के सैंपल लेने वाला है। जिले में छोटी बड़ी करीब 150 हलवाइयों की दुकानें चल रही हैं। जो नियमों के विरूद्ध बासी मिठाइयां बेच रहे हैं।
1 अक्टूबर से खाद्य सुरक्षा विभाग ने अपने यह नियम लागू कर दिए थे। ऐसे में यह नियम हर छोटे बड़े हलवाइयों व मिठाइयों के विक्रेता पर लागू होंगे। यह नियम भी विभाग ने केवल मिठाइयों के लिए ही बनाया है। हलवाइयों को अपनी दुकान पर रखी मिठाइयों की ट्रे पर लेबल लगाना होगा।
इस पर यह लिखना अनिवार्य होगा कि इस उत्पाद को कब तक उपयोग में लाया जा सकता है। अभी तक दुकानों पर रखी मिठाइयों की ट्रे, परात, डिब्बों पर एक्सपायरी डेट नहीं लिखी जाती थी।
1 दिन चलने वाली मिठाई: कलाकंद, बटर स्कॉच कलाकंद, चॉकलेट कलाकंद।
2 दिन चलने वाली मिठाई: दूध से बने आइटम, मिल्क बादाम, रसगुल्ला, रबड़ी रसमलाई, शाही टोस्ट, मलाई रोल, बंगाली रबड़ी, रस काटा, खीर मोहन आदि।
4 दिन चलने वाली : मलाई घेवर, तिल बुग्गा,केसर कोकोनेट लड्डू, मोतीचूर मोदक, खोया बादाम, फ्रूट केक, पेड़ा, प्लेन बर्फी, मिल्क बर्फी, सफेद पेड़ा, बूंदी लड्डू, लाल लड्डू व कोकोनेट बर्फी आदि।
7 दिन चलने वाली : काजू कतली, घेवर, मूंग बर्फी, आटा लड्डू, ड्राई फ्रूट गुजिया, काजू केसर बर्फी, काजू लड्डू, बेसन बर्फी, काजू रोल व बालूशाही आदि।
30 दिन चलने वाली : आटा लड्डू, बेसन लड्डू, चना लड्डू, चना बर्फी आदि एक महीने तक चलते हैं।
हरियाणा व्यापार के जिला प्रधान बलराम गुप्ता ने कहा कि शहर में काफी संख्या में छोटे मिष्ठान भंडार भी चल रहे हैं। जिन्हें इस नियम से बाहर रखना चाहिए। जो प्रतिदिन होने वाली बिक्री के अनुसार ही सामान तैयार करते हैं। ऐसे में इन्हें नियम से छूट मिलनी चाहिए।
खाद्य सुरक्षा विभाग के इंचार्ज डॉ. भवर सिंह ने कहा कि पर दुकानों पर बनने वाली मिठाई पर एक्सपायरी डेट नहीं लिखता उसको 2 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा। फिलहाल सभी हलवाई एसो. के साथ बैठक कर उन्हें जागरूक किया जा रहा है। जल्द ही ऐसे हलवाइयों पर कार्रवाई शुरू की जाएगी।”
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