जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने आज संबंधित अधिकारियों को विश्वविद्यालय में ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आवश्यक कदम उठाने और कैंपस को पूरी तरह से पेपरलेस बनाने की दिशा में काम करने का निर्देश दिये।
कुलपति विश्वविद्यालय आज यहां पुनर्गठित डिजिटल प्रकोष्ठ की पहली बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग, निदेशक डिजिटल प्रकोष्ठ डॉ. नीलम दूहन और प्रकोष्ठ के अन्य सदस्य बैठक में उपस्थित थे।
कुलपति ने विश्वविद्यालय के डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (डीएलएमएस) को विकसित करने में डिजिटल प्रकोष्ठ के प्रयासों को सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान शिक्षण कार्यों को सुचारू रखने में डीएलएमएस की अहम भूमिका रही।
डॉ. दूहन ने अवगत कराया कि डीएलएमएस सफलतापूर्वक जांच की जा रही है और इसका उपयोग नियमित रूप से आनलाइन कक्षाओं के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिस्टम में फोटो कैप्चरिंग तकनीक का उपयोग करते हुए नई सुविधाओं को जोड़ा बढ़ाया जा रहा है ताकि इसका उपयोग भविष्य में ऑनलाइन परीक्षाओं के आयोजन के लिए किया जा सके।
उन्होंने बताया कि प्रकोष्ठ की भविष्य में ऑनलाइन प्रैक्टिकल आयोजित करने के लिए वर्चुअल लैब विकसित करने की भी योजना है।
डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल प्रकोष्ठ के प्रयासों की सराहना करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने डीएलएमएस को एक ऐसे अभिनव उत्पाद के रूप में विकसित करने की सलाह दी, जिसे अन्य विश्वविद्यालयों को उनकी ऑनलाइन टीचिंग-लर्निंग से संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रदान किया जा सकता है।
निदेशक डिजिटल सेल ने कुलपति को डीएलएमएस को तकनीकी रूप से व्यवहारिक एक सफल प्रणाली के रूप में विकसित करने का आश्वासन दिया।
बैठक के दौरान डॉ. दूहन ने विश्वविद्यालय द्वारा की गई विभिन्न डिजिटल पहलों से भी अवगत कराया, जिसमें ई-लाइब्रेरी पोर्टल का विकास, आईआईआरएस इसरो, स्वयं प्रभा और स्वयं लोकल चैप्टर के माध्यम से विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए ई-लर्निंग सुविधा, कक्षाओं में डिजिटल इंटरएक्टिव बोर्ड, डिजिटल नोटिस बोर्ड इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि डिजिटल प्रकोष्ठ जल्द ही ऑनलाइन टीचिंग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लेक्चर रिकॉर्डिंग के लिए लेक्चर कैप्चरिंग सिस्टम विकसित करेगा ताकि विद्यार्थियों को आसानी से आनलाइन कंटेंट उपलब्ध हो सके।