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पतंजलि की आयुर्वेदिक दवाएं तैयार करने में इनकी है बड़ी भूमिका, च्यवनप्राश के हैं एक्स्पर्ट – जाने इनके विषय में

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पतंजलि की आयुर्वेदिक दवाएं तैयार करने में इनकी है बड़ी भूमिका, च्यवनप्राश के हैं एक्स्पर्ट :- हम सभी जानते है जिसे जिस की ज्यादा जानकारी होती है वही उस चीज़ के बारे में सबसे ज्यादा बखान कर सकता है। उसके बारे ज्यादा ज्ञान रख सकता है। बताते चले कि पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना 2006 में हुई थी लेकिन उससे 11 साल पहले फार्मेसी की स्थापना हुई थी।

इस कंपनी की स्थापना उन्होंने आयुर्वेदिक दवाएं और हर्बल प्रोडक्ट्स को तैयार करने के लिए की थी। जिसके फाउंडर ट्रस्टी के तौर पर स्वामी मुक्तानंद काम करते थे। आपको बता दे जिस तरीके से पतंजलि की आयुर्वेदिक दवाएं तैयार करने में सबसे ज्यादा अहम भूमिका स्वामी मुक्तानंद की रही है।

उससे ज्यादा अहम भूमिका किसी की नहीं रही है और पतंजलि में लगभग तमाम आयुर्वेदिक दवाओं को तैयार करने में इनका अहम रोल रहा है।

इनके बारे में आपको बता दे कि पतंजलि समूह के वेबसाइट दिव्य योग डॉट कॉम के मुताबिक पश्चिम बंगाल में 1956 में जन्मे स्वामी मुक्तानंद दिव्य फार्मेसी के कामकाज में अहम योगदान देते हैं। कहा जाता है कि उन्हें जड़ी बूटियां के बारे अच्छा ज्ञान है।

इसके लिए वो अक्सर उत्तराखंड और हिमाचल के पर्वतों की यात्रा करते रहे है ताकि दवाओं के लिए जड़ी बूटियां पहचान सके। वहीं आपको बता दे कि अध्यात्म में गहरी रुचि रखने वाले स्वामी मुक्तानंद को बाबा रामदेव के पुराने सहयोगियों में से एक माना जाता है।

ये वही मुक्तनंद है जिनका जिक्र हम कहां जन्मे, कहां पले बड़े और कितनी ये जानकारी रखते है। तो अगर हम अपनी जीवन में आगे बढ़ते है और हमारे अंदर कोई भी खूबी हो तो हम उसी मुख्य भूमिका में आगे बढ़ते है।

हम उसी बारे में जानकारी रखते है जिसे हमे ज्ञान हो। तो ये बात हमे सबसे पहले हमें ये भी सिखाती है कि अगर आपको जिस फील्ड में जाना है अगर उस फील्ड के बारे में जानकारी है तो जीत के परचम लहरा सकते है औए ऐसा ही कुछ कर दिखाया है स्वामी मुक्तानंद ने जो योग गुरु बाबा रामदेव के लिए बहुत ही अहम किरदार निभाते है।

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