HomeEducationबदलाव के साथ ज्ञान की लौ जलाकर विजय पथ पर प्रशस्त होंगे...

बदलाव के साथ ज्ञान की लौ जलाकर विजय पथ पर प्रशस्त होंगे एकलॉन इंस्टीट्यूट के छात्र

Published on

जैसे भोजन हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है या फिर बोले कि अभिन्न अंग ही है तो यह कहना किसी भी तरीके से अनुचित नहीं होगा। ऐसे ही सभ्य समाज और सांस्कृतिक व्यक्तियों के लिए शिक्षा का विशेष महत्व है। जहां एक तरफ संस्कारों की शिक्षा घर यानी हमारी प्रथम पाठशाला से शुरू हो जाती है।

वही दुनिया का ज्ञान हमें अर्जित करने के लिए स्कूल, विश्वविद्यालय से लेकर अन्य शिक्षण संस्थानो का दरवाजा खटखटाना पड़ता है । वही बदलते समय के साथ नई टेक्नोलॉजी, नए तौर-तरीके और भव्य बिल्डिंग से लेकर भव्य संस्कार और शिक्षाओं की दीवारों से जो शिक्षा की गूंज विद्यार्थियों के कानों में गूंजती है, वही असल मायने में उन्हें एक सफल व्यक्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।

बदलाव के साथ ज्ञान की लौ जलाकर विजय पथ पर प्रशस्त होंगे एकलॉन इंस्टीट्यूट के छात्र
एकलोन इंस्टीट्यूट स्टूडेंट्

परंतु कोरोना महामारी के चलते स्कूल, कॉलेज से लेकर शिक्षण संस्थानों पर प्रतिबंध लगा हुआ था जिसे अब कछुए की भांति धीरे-धीरे हटाया जा रहा है। यह भी केवल इसलिए क्योंकि विद्यार्थियों के जीवन के साथ-साथ उनके जीवन का जो अभिन्न अंग है यानी शिक्षा उसका भी महत्व उन्हें ज्ञात हो सके।

इसलिए विद्यार्थियों को सुरक्षा के साथ-साथ भरपूर शिक्षा का ज्ञान देने का कार्य फरीदाबाद के बहुचर्चित एकलोन इंस्टीट्यूट में बखूबी किया जा रहा है।

बदलाव के साथ ज्ञान की लौ जलाकर विजय पथ पर प्रशस्त होंगे एकलॉन इंस्टीट्यूट के छात्र
सभागार एकलोन इंस्टिट्यूट

सन 2007 में एकलोन इंस्टिट्यूट की स्थापना की गई थी। जहां पर न सिर्फ भारत परंतु पूरे विश्व से छात्र अपनी शिक्षा दीक्षा ग्रहण करने आते हैं। वहीं इंस्टिट्यूट के कैंपस की बात की जाए तो वहां भी छात्रों की हर प्रकार की सुविधाओं का बखूबी ध्यान रखा गया है।

इतना ही नहीं बल्कि हॉस्टल, क्लासरूम और छात्रों के अध्यन हेतु लैब्स यह सारी सुविधाएं कॉलेज परिसर में मौजूद हैं।

बदलाव के साथ ज्ञान की लौ जलाकर विजय पथ पर प्रशस्त होंगे एकलॉन इंस्टीट्यूट के छात्र
कॉलेज बिल्डिंग

47 लैब्स और वर्कशॉप्स के साथ इंस्टिट्यूट में 41 लेक्चर रूम भी निर्मित किए गए हैं। महज़ 10 वर्ष के अंतराल के अंतर्गत एकलोन इंस्टिट्यूट ने खुद को प्रबल रूप से स्थापित कर दिया है।

हरियाणा राज्य की औद्योगिक नगरी व फरीद बाबा की नगरी से जाने जाने वाले फरीदाबाद में स्थापित होने के बाद इंस्टिट्यूट से पढ़ने वाले तमाम छात्रों ने बड़ी बड़ी कंपनियों में नौकरी प्राप्त कर इंस्टिट्यूट का नाम रौशन किया है। इंस्टिट्यूट ने हमेशा से ही छात्रों को प्रैक्टिकल ज्ञान देने में विश्वास रखा है।

बदलाव के साथ ज्ञान की लौ जलाकर विजय पथ पर प्रशस्त होंगे एकलॉन इंस्टीट्यूट के छात्र
कॉलोज प्रांगण

एकलोन से जुड़े सभी शिक्षकों और अभ्यर्थियों का मानना है कि थ्योरी से ज्यादा बेहतर है अभ्यास और अध्यन करना। महामारी के दौर में भी इंस्टिट्यूट प्रबल तरीके से तत्पर है और छात्रों को उज्जवल भविष्य देने के मार्ग पर अग्रसर है।

वहीं इंस्टिट्यूट के चेयरमैन प्रभात अग्रवाल का कहना है कि समय के साथ बदलाव जरूरी है। एकलोन इंस्टिट्यूट ने हमेशा से ही बदलाव को सर्वोपरि माना है। छात्रों को हर बेहतर मुहीम और हर प्रखर अभियान से जोड़ा जाता है ताकि उनका मानसिक विकास किया जा सके।

बदलाव के साथ ज्ञान की लौ जलाकर विजय पथ पर प्रशस्त होंगे एकलॉन इंस्टीट्यूट के छात्र
चेयरमैन प्रभात अग्रवाल

एकलोन ने हमेशा से ही अपने छात्रों के भविष्य को प्राथमिकता प्रदान की है। वही उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी छात्रों के विकास के लिए इंस्टिट्यूट ज्ञान की मशाल लिए विजय पथ पर प्रशस्त रहने का दावा करता है।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...