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30 साल पहले टीचर ने टिकट को दिए थे 500 रुपए, Bank CEO ने दिया 30 लाख का गिफ्ट

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शिक्षक और छात्र के बीच का जो संबंध होता है वो बहुत ही खास होता है। क्योंकि बिना शिक्षक और गुरु के छात्र कुछ भी नहीं है। शिक्षक ही हम जैसे छात्र को रास्ता दिखाने का काम करते है। कहते है ना हर एक छात्र की कामयाबी के पीछे माता पिता के साथ शिक्षक की भी अहम भूमिका होती है।

इसी के साथ जो भी छात्र कामयाबी की सीढ़ी चढ़ गया उसे अपने शिक्षक का आदर सम्मान करना नहीं भूलना चाहिए। ऐसा ही एक छात्र जो कामयाब इंसान तो बन गए पर शिक्षक को शुक्रिया करना नहीं भूले। उन्होंने बड़े खास अंदाज में अपने शिक्षक यानी कि अपने गुरु को गिफ्ट दिया है।

30 साल पहले टीचर ने टिकट को दिए थे 500 रुपए, Bank CEO ने दिया 30 लाख का गिफ्ट

चलिए बताते है उस छात्र के बारे में आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के एमडी और सीईओ वी वैद्यनाथन। जी हां बैंक सीईओ ने अपने पूर्व शिक्षक का आभार प्रकट करने के लिए उन्हें 30 लाख रुपए के शेयर गिफ्ट कर दिए।

वी वैद्यनाथन ने अपने पूर्व मैथ्स टीचर गुरदयाल सरूप सैनी को 30 लाख रुपए की कीमत के एक लाख इक्विटी शेयर ट्रांसफर कर दिए। वैद्यनाथन ने छात्र जीवन में मदद के लिए अपने टीचर सैनी को ये शेयर गिफ्ट के तौर पर ट्रांसफर किए हैं।

30 साल पहले टीचर ने टिकट को दिए थे 500 रुपए, Bank CEO ने दिया 30 लाख का गिफ्ट

आपको बता दे कि वैद्यनाथन बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिले के लिए रांची जाना चाहते थे। उस समय वैद्यनाथन के पास पैसे नहीं थे, तब गणित के शिक्षक सैनी ने ट्रेन की टिकट और खर्च के लिए खरीदने के लिए वैद्यनाथन को 500 रुपए दिए थे।

जिसका आभार व्यक्त करने के लिए वैद्यनाथन अपने शिक्षक की खोज कर रहे थे। तभी उन दोनों की मुलाकात हुई जिसके बाद वैद्यनाथन में अपने शिक्षक का इस खास अंदाज में शुक्रिया किया।

30 साल पहले टीचर ने टिकट को दिए थे 500 रुपए, Bank CEO ने दिया 30 लाख का गिफ्ट

वहीं वैद्यनाथन की चर्चा पूरे सोशल मीडिया पर हो रही है। बताते चले वैद्यनाथन और गुरदयाल सर की पहली भेंट पठानकोट केंद्रीय विद्यालय में हुई थी। मूल रूप से चेन्नई के रहने वाले वैद्यनाथन के दरियादिली के किस्से मशहूर है।

वैद्यनाथन ने कैपिटल फर्स्ट नाम से एनबीएफसी की स्थापना की थी। दिसंबर 2018 में आईडीएफसी बैंक के साथ कैपिटल फर्स्ट का विलय हुआ। जिसके बाद इसका नाम आईडीएफसी फर्स्ट बैंक हो गया।

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