बुआ से बिछड़ कर पूरी रात घने जंगल में रही 9 साल की दिव्या, सूझबूझ से पहुंची घर

0
284

पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले बच्चे शेरदिल के होते है। उनमें वो ताकत और साहस होता है जो दूसरे राज्य के बच्चों में नहीं होता। इसी साहस के वजह से एक बच्ची ने ऐसा कर दिखाया जिससे कि हर जगह उसकी चर्चा हो रही है। एक बच्ची ने ऐसी मिशाल पेश की जहां उसकी साहस की तारीफ हो रही है।

जी हां देहरादून जिले के जनजातीय क्षेत्र चकराता के त्यूणी क्षेत्र में एक नौ साल की बच्ची अपनी साहस का करिश्मा दिखाया है। बच्ची की सूझबूझ और साहस की कहानी सुनकर हर कोई हैरान भी है। दरअसल, सूदूरवर्ती गांव की रहने वाले पंकज शर्मा की नौ वर्षीय पुत्री दिव्या रविवार को अपनी बुआ के साथ बाजार गई थी लेकिन बाजार में घुमते हुए वह खो गई।

बुआ से बिछड़ कर पूरी रात घने जंगल में रही 9 साल की दिव्या, सूझबूझ से पहुंची घर

बुआ ने उसे हर जगह ढूंढा लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। इसके बाद उन्होंने गांव में सूचना दी। तब तक शाम हो गई थी। ग्रामीणों ने दिव्या की तलाश शुरू की, लेकिन कुछ पता नहीं चला।

ग्रामीणों ने इसके बाद राजस्व पुलिस को जानकारी दी, पुलिस ने देर रात तक जंगल में भी बच्ची की खोज की लेकिन वह नहीं मिली। वहीं सोमवार सुबह पुरटाड़ गांव से खबर आई कि वहां गोशाला के पास एक बच्ची मिली है। ये दिव्या ही थी।

rainforest during foggy day
Photo by David Riaño Cortés on Pexels.com

दिव्या को सकुशल देख सभी ने राहत की सांस ली। दिव्या को देखते ही परिवालों में जान में जान आई।

दिव्या ने बताया कि वह बाजार घूमते हुए जंगल में चली गई, इस रास्ता नहीं मिलने से वह भटक गई, चारो और अंधेरा छा जाने पर वह घबरा गई लेकिन उसने साहस नहीं छोड़ा, पूरी रात ऐसे ही हिम्मत के साथ गुजारी और सुबह उजाला होते ही फिर रास्ता ढूंढ़ने लगी। आखिर वह सुबह सकुशल पुरटाड़ गांव पहुंची।

rain passing through at clearing in the woods
Photo by Darius Krause on Pexels.com

दिव्या की हिम्मत को देख कर हर कोई हैरान है। ऐसे ही सबको हिम्मत से काम लेना चाहिए चाहे कोई भी परिस्तिथि हो हमे घबरा नहीं चाहिए और न ही हिम्मत हारना चाहिए। क्योंकि हिम्मत से ही हम मुकाम को हासिल कर सकते है जो आज इस बच्ची ने कर दिखाया।