सीएम विंडो का अर्थ आपको यही पता होगा की यहां पर शिकायतें सुनी जाती हैं। लेकिन यहां बैठने वाले अधिकारी लगातार अपनी मनमानी करते नज़र आते हैं। फरीदाबाद के एक मामले में खट्टर सरकार सीएम विंडो की शिकायतों पर जांच में दोषी मिले अधिकारी व कर्मचारियों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है। यहां पर ऐसे बहुत से अधिकारी व कर्मचारी हैं, जो जांच में आरोपित मिले, पर अधिकारियों ने अपने चहेतों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
अधिकारीयों के पास कोई शिकायतकर्ता आता है तो वह आरोपी का नाम सुन केस दर्ज करते हैं। जिले में बहुत से अधिकारी व कर्मचारी भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त पाए गए हैं। ऐसे भी कर्मचारी व अधिकारी हैं, जिन्होंने फर्जी शैक्षणिक योग्यता और कम अंक आने पर नौकरी प्राप्त की।
फर्जी शैक्षिक योग्यता का खेल तो जिले में लगातार देखने को मिल जाता है लेकिन ऐसे अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ बार-बार शिकायत हुई है मगर कुछ परिणाम नहीं निकाला जा सका है। शिकायतों के आधार पर मामलों की जांच हुई और जांच में ऐसे अधिकारी व कर्मचारी दोषी पाए गए हैं।
हरियाणा सरकार ने सीएम विंडों को अपनी वेबसाइट पर इस प्रकार परिभाषित किया है। सीएम विंडो, एक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली हरियाणा के सभी जिलों तथा सभी विभागों में एक प्रमुख कार्यक्रम के रूप 25 दिसंबर 2014 से लागू है | ये शिकायतें सीएम विंडो काउंटर ऑनलाइन पर पंजीकृत हैं और नागरिक शिकायत पंजीकरण संख्या के साथ अपने मोबाइल फोन पर एसएमएस प्राप्त करते हैं।
सवाल यह उठता है कि जब यहां पर बैठे अधिकारी अपनी ,मनमानी करेंगे तो जनता की कौन सुनेगा। वेबसाइट में आगे लिखा है कि शिकायतकर्ता द्वारा ऑनलाइन शिकायत निवारण की निगरानी के लिए इस नंबर का उपयोग किया जाता है । सामान्य नागरिकों से शिकायतें प्राप्त करने के लिए सभी जिलों और उप-डिवीजन कार्यालयों के ई-दिशा केन्द्रों में सीएम विंडो लागू किया गया है। लेकिन इन सभी बातों का पालन होता नहीं दिखाई देता है।