17 अक्टूबर से ना सिर्फ नवरात्रि बल्कि यू कह सकते हैं कि त्योहारों का दरवाजा खुलने को है। ऐसे में त्योहारों पर पहले से कुंडली जमाए कोरोना वायरस का संक्रमण लोगों के चेहरों से मुस्कान लेकर बैठा है। भले ही नवरात्रों के शुरू होने से मंदिरों में पूजा पाठ को अनुमति मिल गई है, लेकिन बावजूद पहले की तरह चहल-पहल देखने को नहीं मिलेगी। वही देवी मां के दर्शन करने के लिए तथा पूजा करने से पहले सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखना अनिवार्य होगा।
इस बार पूजा सामग्री, खाद्य सामग्री के रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। हालांकि, फल-फूल अवश्य ही महंगे होंगे, क्योंकि लॉकडाउन में मांग खत्म होने पर अधिकांश किसानों ने खुद ही फसल नष्ट कर दी थी।
इसी कड़ी में अभी से बाजारों के विभिन्न थोक परचून विक्रेताओं की दुकानों पर पूजा-पाठ में लगने वाली सामग्री, व्रत के दौरान खाई जाने वाली सामग्री, पूजा की चुन्नी, नारियल व मेवा सहित अन्य प्रकार का सामान बिकने लगा है। हालांकि,
अभी खुदरा सामान बेचने वालों ने अपनी-अपनी दुकानें नहीं सजाई है। इतना जरूर है इस बार फूल के रेट ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है और फल के रेट भी थोड़े बहुत अवश्य बढ़ सकते हैं। इधर, मंदिरों में तैयारी चल रही हैं। पुजारी अवश्य दावा कर रहे हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पूजा-पाठ अवश्य होगी।
मां का आशीर्वाद लेने वाली सामग्रियों के रेट में उतार चढ़ाव
नवरात्रों में पूजा अर्चना करने वालों के लिए राहत की खबर है कि नवरात्रों में पूजा-अर्चना का सामान पहले के मुकाबले कुछ सस्ता अवश्य हो सकता है, लेकिन महंगा नहीं मिलेगा। जो नारियल 40 रुपये का बेचा जाता था, वह इस बार भी 35-40 रुपये में ही मिलेगा। जो पान 5 रुपये का मिलता था अब वह पान मात्र 3 रुपये का मिलेगा।
सामक के चावल, कुट्टू का आटा, साबुदाना, मूंगफली के रेट भी किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं होगी। धूप-अगरबत्ती के रेट में थोड़ा बहुत बदलाव है। परचून के थोक व्यापारी विपिन जैन का दावा है कि पूजा साम्रगी व खाद्य साम्रगी के रेट में बढ़ोतरी नहीं है। बादाम के रेट 720 से घटकर 580 रुपये किलो पहुंच गए हैं। काजू व किशमिश के रेट भी नहीं बढ़े हैं।
मां के चरणों में चढ़ाए जाने वाले फूल करेंगें जेब खाली
किसानों ने लॉकडाउन में फूल की खपत नहीं होने के चलते फसल को नष्ट कर दिया। अब भी फूल की खपत बेहद कम है। यही कारण है कि गैंदे का फूल 300 रुपये किलो तक बिक सकता है। गुलाब का फूल भी 300 रुपये किलो, गुलदावरी का फुल भी 350 रुपये किलो तक बिकने की उम्मीद है। फुल विक्रेता गोविंद का कहना है कि कोरोना फूल की खेती को पूरी तरह खत्म कर दिया। इसी कारण फूल महंगा बिकेगा।
क्या कहते हैं फल विक्रेता
फल विक्रेता मुकेश गुलपाड़िया की मानें तो अनार 80 रुपये किलो से 120 रुपये किलो हो गया है। चीकू 100 से 120 रुपये किलो, सेब 60 से 80 रुपये किलो बेची जा रही है। दुकानदारों का दावा है कि नवरात्रि तक फल के रेट थोड़े बहुत और बढ़ सकते हैं।
वहीं लॉक डाउन के चलते सभी कार्य ठप हो जाने के चलते फूलों के काम में भी काफी ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली जो फूलों के दाम 80 से 100 रुपए किलो थे लॉक डाउन में वहीं फूल 200 से 250 रुपए बिक रहे है । ऐसे में जहां एक तरफ नवरात्रों में लोगों के लिए फूलों का विशेष महत्व होता है वहीं दूसरी ओर इस तरह दाम बढ़ाए जाने से हो सकता है कि श्रद्धालुओं में इस बात की खासी नाराजगी देखने को मिले।
क्या कहते हैं फूल व्यापारी
वहीं सेक्टर 11 के समीप फूल की दुकान लगाने वाले पंडित महेश का कहना है कि पिछले 30 सालो से फूल बेकने का काम कर रहे है , जो मालो के दाम इस समय 20 रुपए है। वो माला आने वाले दिनों में 25 से 30 हो सकता है। ऐसे में जहां एक तरफ त्योहारों के कारण लोगों के चेहरों पर रौनक देखने को मिलती थी वही अभी चिंता सताए जा रही है कि इस नवरात्रि मां का आशीर्वाद उनके लिए कितना और महंगा हो सकता।