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इंदौर नगर निगम से सीख लेकर फरीदाबाद में बनेंगे बर्तन बैंक

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पर्यावरण को साफ और स्वच्छ रखना ना सिर्फ नगर निगम का बल्कि हर एक भारतीय नागरिक का फर्ज होता है। कुछ लोग इसे गंभीरता से ना लेते हुए कूड़ा करकट यहां वहां फैला देते हैं, और पर्यावरण को प्रदूषित करने में अपनी सबसे बड़ी भूमिका अदा करते हैं।

परंतु जरूरत है कि अब हमें जागरूक होना पड़ेगा और दूसरों को भी पर्यावरण को साफ और स्वच्छ रखने के लिए और उन्हें आगे आने के लिए अभी प्रेरित करना होगा।

इंदौर नगर निगम से सीख लेकर फरीदाबाद में बनेंगे बर्तन बैंक

परंतु लोगों के व्यस्त समय से इतना टाइम ही नहीं निकल पाता कि वह इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें और अपने पर्यावरण को साफ और स्वच्छ रखने में अपनी भी भूमिका अदा करें। परंतु ऐसा ही एक सराहनीय कार्य 4 महिलाओं ने कर दिखाया है।

जहां शादी, जन्मदिन उत्सव में अक्सर लोग प्लास्टिक निर्मित गिलास थालियां स्माल करते थे वही इन महिलाओं ने बर्तन बैंक बनाकर लोगों की सोच बदलने का प्रयास किया है।

भोपाल की रहने वाली इन चार महिलाओं इला मि़ड्डा, श्वेता शर्मा, स्मिता पटेल और डॉक्टर मधुलिका दीक्षित ने मिलकर बर्तन बैक बनाया। उन्होंने बताया कि उनका खास उद्देश्य मकसद पर्यावरण में संतुलन बनाना था। इसका कारण यह है कि प्लास्टिक के थाली और गिलास पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। इन चारों ने मिलकर बर्तन बैंक बनाया जो शादी और अन्य सामाजिक उत्सव में बर्तन उपलब्ध करवा सकें।

इस वजह से बेग से लेकर बर्तन बैंक बनाने लगी महिलाएं

उन्होने बताया कि वह करीबन 21 वर्षों से साथ इन चारों महिलाओं ने सबसे पहले बाजार से पॉलीथिन लेना बंद किया। सामान खरीदने के लिए ये अपने साथ कपड़े का बैग लेकर जाती थीं।

इसके बाद इन्होंने पहल कर बर्तन बैंक बनाया। इनके बर्तन बैंक में पांच सौ बर्तन है। जिनका पूरा ब्योरा रजिस्टर में दर्ज होता है। पर्यावरण प्रेमी इन महिलाओं ने प्लास्टिक वेस्ट को कम करने के लिए ये योजना बनाई।

आज वो लोगों को इन बर्तनों को मुफ्त में उपलब्ध कराती हैं। हालांकि उनके इस काम में कई सारे लोगों का सहयोग होता है। जिनकी मदद से ये इतने सारे बर्तनों को इकट्ठा कर काम संचालित करती हैं।

इस तरह शादी समारोह जैसे उत्सवों में जहां एक और खुशी के साथ लोग भोजन करते हैं। वही कम से कम प्लास्टिक निर्मित वस्तुओं का उपयोग कर इस खुशी को दुगना कर पर्यावरण को स्वच्छ रखने का बीड़ा इन चार महिलाओं द्वारा उठाया गया है।

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