हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ लि. (वीटा) द्वारा उपभोक्ताओं के लिए तैयार ‘‘हल्दी दूध’’ की शुरूआत की जाएगी और यह ‘‘हल्दी दूध’’ आगामी नवंबर के पहले सप्ताह तक बाजार में उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध होगा। इसी प्रकार, प्रसंघ (वीटा) द्वारा देसी गाय के दूध से तैयार ‘‘देसी गाय का घी’’ भी उपभोक्ताओं के लिए आगामी जनवरी के प्रथम सप्ताह में उपलब्ध होगा।
यह जानकारी आज यहां हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल की अध्यक्षता में आयोजित हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ लि. (वीटा) के अधिकारियों की एक बैठक में दी गई। बैठक में बताया गया कि प्रसंघ द्वारा तैयार ‘‘हल्दी दूध’’ में काली मिर्च के अंश भी मिलाए गए है जो हल्दी के साथ मिलकर रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने में सहयोग करेंगे।
बैठक में सहकारिता मंत्री को अवगत कराया गया कि आज ही हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ लि. (वीटा) को पीजीआईएमईआर, चण्डीगढ से दूध की आपूर्ति का आर्डर मिला है और प्रसंघ द्वारा रोजाना 1200 से 1300 लीटर दूध की आपूर्ति की जाएगी। इसी प्रकार, बैठक में बताया गया कि खिलाडिय़ों को मदेनजर रखते हुए प्रसंघ प्रोटीनयुक्त डाईट तैयार करने पर भी विचार कर रहा है ताकि खिलाडिय़ों को प्रोटीनयुक्त में डाईट उपलब्ध करवाई जा सकें।
बैठक में बताया गया कि रोहतक व जींद के मिल्क प्लांटों में घी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और आने वाले समय में जींद के मिल्क के प्लांट की क्षमता को नई मशीनरी स्थापित कर बढ़ाते हुए घी के उत्पादन को बढ़ाया जाएगा। इसी तरह, वीटा के बूथों में हैफेड के उत्पादों के साथ-साथ अन्य खाने-पीने की वस्तुओं के अतिरिक्त फल व सब्जियों की बिक्री की अनुमति भी दी गई है ताकि एक ही बूथ पर उपभोक्ताओं को रोजमर्रा की ज्यादा से ज्यादा वस्तुएं उपलब्ध हो सकें।
बैठक में सहकारिता मंत्री को अवगत कराया गया कि प्रसंघ (वीटा) की फ्रेंचाईजी नीति लगभग अंतिम पड़ाव पर है और इस नीति को जल्द ही ऑनलाईन कर दिया जाएगा, जिसके पश्चात किराना व रिटेल आऊटलेट वाले ऑनलाईन के माध्यम से वीटा के उत्पादों को अपने यहां पर रखने के लिए आवेदन कर पाएंगे और वीटा के उत्पादों की बिक्री कर पाएंगें। बैठक में ऑनलाईन डेयरी प्रबंधन प्रणाली पर भी जानकारी मंत्री को दी गई और बताया गया कि इस प्रणाली के माध्यम से मिल्क प्लांटों में हो रही प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी।
बैठक में सहकारिता मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दूध के उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए और अधिक समितियों का गठन किया जाए ताकि उपभोक्ताओं को दूध के उत्पाद मिल सकें। उन्होंने कहा कि हरियाणा एनसीआर क्षेत्र में आता है और इसी को ध्यान में रखते हुए प्रसंघ (वीटा) को एनसीआर में अपना दायरा ज्यादा से ज्यादा फैलाना चाहिए। इसके अलावा, चण्डीगढ़ व पंचकूला के आसपास के क्षेत्र में भी प्रसंघ (वीटा) को अपने उत्पादों की बिक्री को बढ़ाना चाहिए।
बैठक में किसान क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना, प्राथमिक दुग्ध सहकारी समितियां, खरीद व विपणन इन्फ्रास्ट्रक्चर, राष्ट्रीय डेयरी विकास निगम कार्यक्रम, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, डेयरी इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं विकास फण्ड इत्यादि योजनाओं पर भी चर्चा हुई और इनके संबंध में सहकारिता मंत्री ने अधिकारियों को दिशानिर्देश भी दिए।
इस मौके पर हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ लि. (वीटा) के प्रबंध निदेशक श्री ए. श्रीनिवास सहित जींद, रोहतक, कुरूक्षेत्र, सिरसा, अंबाला और बल्लभगढ़ मिल्क प्लांटों के अधिकारी भी उपस्थित थे।