हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने बुधवार को भाजपा-जेजेपी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग इस सरकार से नाखुश हैं और अगले महीने बरोदा विधानसभा उपचुनाव के नतीजे इस बात का फैसला करेंगे।
भाजपा जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार चला रही है जिसका खुद का कोई वजूद नहीं है यह जेजेपी एक इनलो का एक हिस्सा है जिसका नेतृत्व पूर्व सीएम कर रहे हैं।
समाज के एक-एक वर्ग, चाहे वह किसान, व्यापारी और कर्मचारी हों, इनके तानाशाही से दुखी हैं, चौटाला ने दावा करते हुए कहा की भाजपा-जेजेपी शासन के लिए उलटी गिनती शुरू होगी है और इसके जल्द ही परिणाम सामने आएगा।
इस उपचुनाव के नतीजे इस सरकार के भाग्य का फैसला करेंगे। एक अनुभवी नेता होते हुए यह बता सकता हूँ की इस सीट के परिणाम के बाद राज्य में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं
उन्होंने केंद्र के के नए कृषि कानूनों का विरोध करते हुए कहा की उनकी पार्टी 20 नवंबर को कुरुक्षेत्र में किसान बचाओ रैली करेगी।
अप्रैल में कांग्रेस विधायक श्री कृष्ण हुड्डा के निधन के बाद खाली हुई सोनीपत की बड़ौदा सीट के लिए 3 नवंबर के उपचुनाव का जिक्र करते हुए चौटाला ने कहा कि केंद्र की किसान कानूनों और सरकार का प्रभाव पर हम मार्चा खोलेंगे
अक्टूबर 2019 के चुनावों में 90-सीट का दावा करने वाली हरियाणा विधानसभा में 40 सीट पर ही सिमट कर रहे गई और पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी के समर्थन से सरकार बनाई,
एक सवाल के जवाब में चौटाला ने कहा कि जेजेपी में समूहवाद पहले से ही तेज हो गया है, उनके कई विधायक उन्हें छोड़ने का विचार कर रहे हैं।
उन्होंने जेजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि बड़ौदा उपचुनाव के बाद जेजेपी विधायक उन्हें छोड़ देँगे उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ भाजपा में शामिल हो सकते है।
उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस में शामिल होने वाले कई इनेलो नेता मूल पार्टी में वापसी पर विचार कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने बेटे अजय चौटाला और पोते दुष्यंत चौटाला का जिक्र करते हुए कहा कि जेजेपी के साथ तालमेल की कोई संभावना है तो उन्होनें इस बात को सरे से नकार दिया
पूर्व सीएम ने कहा कि जब भी इनेलो की सत्ता में वापसी करती तो दुष्यंत चौटाला स्वतः मुख्यमंत्री बन जाते।